शारदीय नवरात्रि अखंड ज्योति नियम Navratri Kalsh Sthapana Puja Vidhi
Shardiya Navratri नवरात्र माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व है. साल 2020 में शारदीय नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर शनिवार से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक चलेगा. शास्त्रों के अनुसार इस बार तिथियों के उतार चढ़ाव के कारण 10 दिनों का यह पर्व इस साल नौ दिनों में ही संपन्न हो जाएगा. इसके अलावा इस बार के शारदीय नवरात्रो में सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग के अलावा कई शुभ योग बनेगे जो माँ की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ होंगे. आज हम आपको इस वीडियो में शारदीय नवरात्र 2020 में बनाने जा रहे शुभ योग शुभ मुहूर्त शुभ मुहूर्त में की जाने वाली कलश स्थापना विधि, पूजा सामग्री और नवरात्रि अखंड जोत के नियमि के बारे में बताएँगे.
शारदीय नवरात्री शुभ मुहूर्त 2020 Shardiya Navratri 2020 Muhurat
- साल 2020 में शारदीय नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर शनिवार से शुरू होगा.
- प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – 17 अक्टूबर प्रातःकाल 01:00 बजे
- प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 17 अक्टूबर सायंकाल 09:08 बजे
- कलश स्थापना शुभ मुहूर्त होगा – 17 अक्टूबर शनिवार 6 बजकर 23 मिनट से लेकर 10 बजकर 11 मिनट तक
- महाष्टमी और सिद्धिदात्री का पूजन 24 अक्टूबर को किया जाएगा.
- 24 अक्टूबर को प्रातःकाल 6:58 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी इसके बाद नवमी तिथि लग जायेगी.
- 25 अक्टूबर को नवमी तिथि प्रातःकाल 7: 40 मिनट तक रहेगी इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जायेगी.
शारदीय नवरात्रि शुभ योग Navratri Shubh Yog
अधिक मास समाप्त होते ही 17 अक्टूबर शनिवार से माँ की भक्ति के नौ दिनों का पर्व प्रारम्भ हो रहा है ज्योतिष की माने तो इस साल नवरात्र में 58 सालों बाद बेहद शुभ संयोग बनने जा रहा है। इस योग में इस बार शनि खुद की राशि मकर राशि और गुरु भी खुद की राशि धनु में रहेंगे जो की बहुतु ही शुभ योग माना जा रहा है यह योग भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाला होगा। इसके साथ ही इस बार नवरात्रि की शुरुआत और कलश स्थापना सर्वार्थ सिद्धि योग में होने जा रही है जो माँ की आराधना और शुभ फलो की प्राप्ति वाला योग होगा.
कलश स्थापना विधि Shardiya Navratri 2020 Kalash Sthapana
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना और माता शैलपुत्री का पूजन करने का विधान है इसीलिए नवरात्रि के पहले दिन प्रातःकाल स्नान कर पूजास्थल को स्वच्छ कर ले. कलश स्थापना के लिए सर्वप्रथम मिट्टी के बर्तन में सप्त धान्य बौ ले. अब उसमे जल से भरा कलश भरकर रोली से उसपर स्वस्तिक बना ले कलश के ऊपरी भाग में कलावा बाँधकर उसे मिट्टी के पात्र में रख दे. अब कलश के ऊपर अशोक या आम के पत्ते रखें इसके बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर स्थापित कर दें. इस तरह पूरेविधान से घट या कलश स्थापना करने के बाद समस्त देवी देवताओ और देवी माँ का आह्वान कर विधिवत माता शैलपुत्री की पूजा करे.
नवरात्रि अखंड ज्योति नियम Akhand Jot Niyam
- जो भी लोग नवरात्री के दौरान अखंड जोत जलाते है या व्रत रखते है उन्हें दीपक जलाने के लिए बड़े आकार का मिट्टी या पीतल का दीपक लेना चाहिए.
- अखंड ज्योति का दीपक कभी खाली जमीन पर ना रखें बल्कि इसे लकड़ी के पटरे या किसी चौकी पर रखें.
- दीपक को हल्दी से रंगे हुए चावल के उपपर रखे.
- अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाय तो शुभ होता है यह बाती कम से कम सवा हाथ की होनी चाहिए
- दीपक में घी, सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल करे.
- मान्यता है की यदि आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाईं ओर रखे.
- दीपक जलाने से पहले गणेश जी का ध्यान करें.
- नवरात्र के इन 9 दिनों में दाढ़ी-मूंछ, नाखून और बाल नहीं कटवाने चाहिए।
- नवरात्र के दौरान घर में तामसिक भोजन व प्याज, लहसुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- नवरात्रो में घर का माहौल शांत व भक्तिमय बनाये रखना चाहिए इस दौरान घर में कलह आदि नहीं करना चाहिए.
- यदि आप नवरात्रो में अखंड जोत का संकल्प लेते है तो इस दौरान घर को खाली छोड़कर कहीं ना जाय.