Sawan Somwar Vrat Pujan Vidhi Udhyapan सावन सोमवार व्रत संपूर्ण पूजन विधि
Sawan Somwar Vrat- शास्त्रों में सावन के सोमवार के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि सावन माह में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है ज्योतिष अनुसार साल 2018 में सावन का महीना बहुत खास होने वाला है. क्योकि इस बार सावन का महीना पूरे 30 दिनों का होगा. सावन के सोमवार करने से पहले कुछ बातों के बारे में जानना जरूरी होता है और साथ ही इस व्रत में खाये जाने वाले भोजन में भी ख़ास सावधानी रखनी चाहिए. भगवान भोलेनाथ की उपासना और उन्हें प्रसन्ना करने के के लिए सोमवार, प्रदोष, शिवरात्रि और सावन का महीना बहुत ही शुभ बताया गया है.आज हम आपको बताएँगे की श्रावण सोमवार के व्रत की पूजा विधि, उद्यापन और व्रत दे जुडी कुछ ख़ास बातें.
सावन सोमवार के व्रत की संपूर्ण विधि Savan Somwar Vrat Worship Process
Sawan Somwar Vrat- स्कंदपुराण के अनुसार सावन माह में सोमवार के व्रत करने वाले लोगो को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करना चाहिए. इसके बाद साफ़ सुथरे वस्त्र धारण कर भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती जी की पुष्प, धूप, दीप,जल, नैवेद्य आदि से पूजा अर्चना करनी चाहिए।
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शास्त्रों के अनुसार सावन माह के प्रत्येक सोमवार को शिवजी को जल जरूर अर्पित करना चाहिए। संभव हो सके तो सावन सोमवार के दिन एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए. इस दौरान रात्रि में जमीन पर सोना चाहिए। सावन माह में व्रती को पहले सोमवार से व्रत शुरु करके कुल नौ या सोलह सोमवार के व्रत का संकल्प लेना चाहिए और फिर व्रत का उद्यापन करना चाहिए। जिन लोगो के लिए नौ या सोलह सोमवार व्रत संभव ना हो तो वह केवल सावन के चार सोमवार भी कर सकते है.
सावन सोमवार व्रत की उद्यापन विधि Sawan Somwar Fast Udhyapan Astrology
Sawan Somwar Vrat- व्रत के उद्यापन के दिन प्रात:काल उठकर अपने दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान आदि के बाद पूजा स्थल को शुद्ध करना चाहिए. पूजा स्थल पर मण्डप बनाकर फूल तथा बंदनवार से मंदिर को सजाना चाहिए. सभी जरूरी पूजन सामग्री के साथ भगवान् शिव और माता पारवती की पूजा आराधना करनी चाहिए पूजा के बाद योग्य ब्राह्मणो और जरूरतमंदों को अपनी इच्छानुसार दान दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए.
सावन सोमवार का महत्व Importance of Sawan Vrat Mehatva
Sawan Somwar Vrat- शास्त्रों में सावन माह का विशेष महत्व बताया गया है शिवपुराण की माने तो इसी माह में भगवान शिव ने पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया था. कहा जाता है की जो लोग सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा पूरे भक्ति भाव से करते है तो भगवान उनकी हर मनोकामना पूरी करते है. कुछ मान्यताओं अनुसार कहा जाता है की सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को मनपसंद जीवनसाथी की प्राप्ति होती है तथा साथ ही इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के पद, प्रतिष्ठा, और सम्मान में भी वृद्धि होती है.