सावन संकष्टी चतुर्थी शुभ योग 2022 Sawan Sankashti Chaturthi Date 2022

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sawan Sankashti Chaturthi Pooja Vidhi 

Sawan Sankashti ChaturthiSawan Sankashti Chaturthi सावन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. वैसे तो हर महीने 2 चतुर्थी पड़ती है लेकिन सावन के महीने आने वाली चतुर्थी गणपति और महादेव को प्रसन्न करने के लिए खास मानी जाती है. इस साल सावन संकष्टी का व्रत 16 जुलाई शनिवार को रखा जायेगा ज्योतिष की माने तो इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग होने से इस दिन का महत्व और अधिक होगा. आज हम आपको 2022 सावन संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले कुछ विशेष कार्यो के बारे में बताएँगे.

सावन संकष्टी शुभ मुहूर्त 2022 Sankashti Chaturthi 2022

  1. साल 2022 में सावन मास की गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 जुलाई शनिवार को है|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी- 16 जुलाई दोपहर 01:27 मिनट पर |
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 17 जुलाई प्रातःकाल 10:49 मिनट पर |
  4. चंद्रोदय का समय होगा – 16 जुलाई रात्रि 09:22 मिनट|
  5. आयुष्मान योग होगा – 16 जुलाई प्रातःकाल 12:21 मिनट से रात्रि 08:49 मिनट तक|
  6. सौभाग्य योग होगा – 16 जुलाई रात्रि 08:49 मिनट से 17 जुलाई शाम 5:49 मिनट तक|
  7. पूजा का अभिजीत मुहूर्त होगा – दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12:55 मिनट तक|

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi

सावन मास की चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प ले और फिर सूर्यदेव को जल अर्पित करे. चतुर्थी के दिन दोपहर के समय पूजा का विधान है इसीलिए पूजा के शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे. अब प्रतिमा का गंगाजल मिले जल से अभिषेक करे और उन्हें चन्दन का तिलक लगाकर पीले वस्त्र अर्पित करे. पूजा में गणेश जी को धुप, दीप, कपूर, अक्षत और उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करे इसके बाद लड्डू व मोदकों का भोग लगाए. अब उनके मंत्रो का जाप कर चतुर्थी की व्रत कथा पढ़े या सुने. अंत में गणेशजी की आरती करे. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत की विधि पूरी करे.

सावन संकष्टी महत्व Sawan Sankashti Mahatva

ऐसी मान्यता है की संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने से व्यक्ति के सभी संकट दूर हो जाते हैं और साथ ही जीवन में धन, सुख और समृद्धि आती है। इस दिन किए गए व्रत-उपवास और पूजा-पाठ से यश, वैभव, सुख-समृद्धि, धन, कीर्ति, ज्ञान और बुद्धि में अतुलनीय वृद्धि होती है। विशेषकर सावन के महीने में आने वाली चतुर्थी के दिन व्रत उपवास से श्रीगणेश जी के साथ ही महादेव भी शीघ्र प्रसन्न होतेहै.

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सावन संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay

  1. सावन माह में आने वाली संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को जल और शहद से स्नान करना शुभ होता है.
  2. इस दिन गणेश जी को 5 लड्डुओं का भोग लगाककर अपनी मनोकामना करे इसे जल्दी ही मनोकामना पूरी होती है. .
  3. सावन संकष्टी के दिन गणेश जी को 21 हरी दूर्वा चढ़ाने से आर्थिक सम्पन्नता आती है.
  4. सावन का महीना भगवन शंकर को समर्पित है इसीलिए आज के दिन भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक कर संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करे इससे गणेश जी के साथ भोलेनाथ का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
  5. गणेश चतुर्थी के दिन पूजा में गणेश जी को काले तिल अर्पित करने से शनि दोष के प्रभाव कम होते है.
  6. संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी के मंत्र ॐ गं गणपतये नमः का 108 बार जाप करे इससे मनोकामना पूरी होती है.
  7. शमी का पौधा भगवान गणेश और भगवान शिव दोनों को बहुत प्रिय है. इस लिए मान्यता है की अगर कोई जातक सावन के महीने भगवान गणेश और शिवजी को शमी के फूल या शमी का पत्ता अर्पित करता है तो उसे मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
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