Saubhagya Sundari Vrat 2018 Pujan Vidhi सौभाग्य सुंदरी व्रत पूजन विधि

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत महूर्त व पूजन विधि Saubhagya Sundari Teej Vrat 2018

Saubhagya Sundari Vratसौभाग्य सुंदरी व्रत Saubhagya Sundari Vrat खासतौर पर सुहागिन महिलाओं का त्यौहार है. महिलाये इस व्रत को अपने सौभाग्य की कामना और संतान सुख की प्राप्ति के लिए रखती है. यह व्रत सौभाग्यशाली  स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य का वरदान माना गया है. इसे सौभाग्य सुंदरी तीज के नाम से भी जाना जाता है और यह करवा चौथ के समान ही बताया गया है। आज हम आपको सौभाग्य सुंदरी व्रत तिथि शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.

सौभाग्य सुंदरी व्रत तिथि व शुभ महूर्त Saubhagya Sundari Teej Vrat Date Time 2018

सौभाग्य सुंदरी व्रत महिलाओं के लिए बहुत ही ख़ास और करवाचौथ के सामान ही फल देने वाला होता है. साल  2018 में सौभाग्य सुंदरी व्रत 25 नवंबर रविवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इसे गौरी तृतीया, सौभाग्यशयन व्रत व सौभाग्य सुंदरी व्रत आदि नामों से भी जाना जाता है.

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत पूजन सामग्री Saubhagya Sundari Teej Vrat Pujan Samagri  

पूजन सामग्री के रूप में फूलों की माला, फल, फूल, भोग के लिए लड्डू, पान, सुपारी, इलायची, लोंग, सूखे मेवे, सात प्रकार के अनाज और साथ ही सोलह श्रंगार की सभी वस्तुएं माता को अर्पित करना बेहद शुभ होता है.

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत पूजन विधि Saubhagya Sundari Teej Pujan Vidhi

शास्त्रों के अनुसार सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत के दिन सर्वप्रथम प्रातः काल उठकर स्नान आदिके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. महिलाओं को सोलह शृंगार कर तैयार होना चाहिए और पूजा स्थल पर एक वेदी बनाकर उसपर माता गौरी की प्रतिमा रखे. सर्वप्रथम श्री गणेश जी का ध्यान कर माँ गौरी के साथ उनके पूरे परिवार की पूजा अर्चना विधिवत करे. पूरा दिन व्रत रखकर रात्रि के समय पूजा के बाद व्रत खोला जाता है और भोजन में दूध से बनी चीजों का सेवन किया जाता है.सौभाग्य सुंदरी तीज के दिन  इस तरह व्रत रखकर महिलाये अखंड सौभाग्य और संतान सुख का वरदान प्राप्त करती है.

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सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्व Saubhagya Sundari Teej Mehtava

पौराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. इस व्रत के प्रभाव से महिलाएं मनोवांछित पति, अखंड सौभाग्य और पुत्र प्राप्ति का वरदान प्राप्त करती है और माता पार्वती महिलाओं को उनके सुख- सौभाग्य में वृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है. कहा जाता है की जिन लड़कियों की विवाह में देरी हो रही हो तो उनके लिए यह व्रत बहुतही फलदायी होता है. यदि इस व्रत को सच्चे मन और पूरे विधान से किया जाय तो यह वैवाहिक सुख और दांम्पत्य जीवन में में वृद्धि करने वाला होता है.

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