Saphala Ekadashi 2022 सफला एकादशी 2022 में कब है

सफला एकादशी 2022 तिथि व शुभ मुहूर्त Saphala Ekadashi 2022

शास्त्रों में एकादशी व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ है. पंचांग के अनुसार सफला एकादशी व्रत हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान श्रीनारायण की पूजा कर व्रत रखा जाता हैं. मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से जातक के सारे कार्य सफल हो जाते हैं, जो लोग अपने जीवन में सुख और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इस एकादशी के व्रत का पालन करते हुए भगवान् विष्णु जी व माँ लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए. आज हम आपको साल 2022 सफला एकादशी व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत के कुछ जरूरी नियमो के बारे में बताएँगे.

सफला एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2022 Saphala Ekadashi Date Time 2022

  1. साल 2022 में सफला एकादशी 19 दिसम्बर सोमवार को रखा जायेगा |
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 19, दिसम्बर प्रातःकाल 03:32 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 20 दिसम्बर प्रातःकाल 02:32 मिनट पर|
  4. पूजा का शुभ मुहूर्त – 19 दिसंबर सुबह 07: 09 मिनट से सुबह 08: 26 मिनट और सुबह 09: 43 मिनट से सुबह 11: 01 मिनट
  5. पारण का शुभ मुहूर्त होगा – 20 दिसम्बर प्रातःकाल 08:05 मिनट से 09:13 मिनट तक|

सफला एकादशी पूजा विधि Saphala Ekadashi Vrat puja Vidhi

एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के अच्युत स्वरूप की पूजा की जाती है इस दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाय और व्रत का संकल्प ले. पूजास्थल को स्वच्छ कर एक चौकी पर भगवन विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित कर धुप दीप जलाये. पूजा में भगवान को तुलसी के पत्ते, सुपारी और नारियल अर्पित करे. इसके बाद सफला एकादशी व्रत कथा का पाठ कर आरती करे और अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण कर ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत संपन्न करे. आज के दिन शाम को भगवान कृष्ण के मंदिर में दीया जलना भी बहुत ही शुभ होता है.

सफला एकादशी नियम Saphala Ekadashi Niyam 2022

  1. एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिनभर निर्जल रहकर उपवास रखना चाहिए.
  2. एकादशी के व्रत में चावलों का सेवन ना करे.
  3. व्रत के दिन पूजास्थल के साथ घर में भी स्वछता का ख्याल रखना चाहिए.
  4. एकादशी के व्रत में तामसिक आहार जैसे प्याज़, लहसुन,बासी भोजन का सेवन बिलकुल न करे.
  5. सफला एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करे..
  6. एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी सामर्थ्यानुसार ब्राह्मण तथा गरीबों को दान देकर पारणा जरूर करना चाहिए.
  7. एकादशी के दिन झूठ बोलना और घर में कलह जैसे कार्य बिल्कुल न करे.
error: