अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब है 2024 Sankashti Chaturthi December 2024

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi 

Sankashti Chaturthi December 2024Sankashti Chaturthi December 2024 हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से मनोकामना पूरी होती है. इस दिन भगवान गणेश जी को खास भोग लगाने से जीवन में सभी कामों में सफलता मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. अखुराथ संकष्टी साल की आखिरी संकष्टी होगी. आइये जानते है पौष माह 2024 में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है, चंद्रोदय व पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करे क्या ना करे|

पौष संकष्टी शुभ मुहूर्त 2024 Sankashti Chaturthi 2024

  1. साल 2024 में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत 18 दिसम्बर बुधवार को रखा जायेगा|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 18, दिसम्बर प्रातःकाल 10:06 मिनट|
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त – 19, दिसम्बर प्रातःकाल 10:02 मिनट|
  4. चंद्रोदय का समय – रात्रि 09:01 मिनट|
  5. ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 05:19 मिनट से प्रातःकाल 06:04 मिनट|
  6. विजय मुहूर्त – दोपहर 02:01 मिनट से 02:42 मिनट|
  7. गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:25 मिनट से 05:52 मिनट|

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi

चतुर्थी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प ले और सूर्यदेव को जल अर्पित करे. पूजा के शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा का गंगाजल मिले जल से अभिषेक करे और उन्हें चन्दन का तिलक लगाकर पीले वस्त्र अर्पित करे. इसके बाद धुप, दीप, कपूर जलाकर उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करे. इसके बाद लड्डू व मोदकों का भोग लगाए. गणेश जी के मंत्रो का जाप व चतुर्थी व्रत कथा पढ़े या सुने. अंत में आरती करे. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को जल देकर पूजा के बाद व्रत संपन्न करना चाहिए.

पौष संकष्टी चतुर्थी क्या करे क्या ना करे Sankashti Chaturthi Mahaupay

  1. चतुर्थी के दिन पूजा से पहले घर के मंदिर की साफ़-सफ़ाई करनी चाहिए.
  2. गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी को सिंदूर, दूर्वा, और मोदक ज़रूर चढ़ाने चाहिए.
  3. गणेश चतुर्थी के दिन गणेश मंत्रों का जाप करने से व्रत का दोगुना फल मिलता है.
  4. इस दिन गौ सेवा करनी चाहिए.
  5. चतुर्थी के दिन बाल नाखून नहीं काटने चाहिए.
  6. गणेश जी की खंडित मूर्ति की स्थापना या पूजा नहीं करनी चाहिए.
  7. गणेश जी को तुलसी दल या केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए.
  8. गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखने वाले जातको को तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
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