रमा एकादशी व्रत पूजन विधि Rama Ekadashi Vrt Tithi 2018
हिन्दू धर्म अनुसार रखे जाने वाले सभी व्रत व उपवास में एकादशी का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना गया है. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेषरूप से पूजा अर्चना करने का विधान है. एकादशी का यह व्रत माता लक्ष्मी के एक नाम (रमा) के नाम से जाना जाता है हर साल दीपावली के चार दिन पहले रमा एकादशी आती है. आज हम आपको रमा एकादशी व्रत की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.
रमा एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त Rama Ekadashi Vrat Tithi Muhurt
- साल 2018 में रमा एकादशी का व्रत 3 नवंबर शनिवार के दिन रखा जाएगा.
- एकादशी तिथि 3 नवंबर सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी.
- एकादशी तिथि 4 नवंबर सुबह 3 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी.
- एकादशी व्रत के पारण का शुभ समय 4 नवंबर सुबह 8 बजकर 47 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक का होगा.
रमा एकादशी व्रत की पूजा विधि Rama Ekadashi Vrat Pujan Vidhi
एकादशी के व्रत में श्री हरी विष्णु जी का पूजन किया जाता है एकादशी व्रत के उपवास के नियम दशमी तिथि से शुरू हो जाते है दशमी तिथि के दिन व्रती को सात्विक भोजन करना चाहिए. व्रत के दिन प्रातः काल अपने सभी दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान् विष्णु जी की आराधना करनी चाहिए. पूजा में प्रयोग की जाने वाली सभी चीजों के अलावा भगवान् विष्णु जी को तुलसी के पत्ते अवश्य अर्पित करने चाहिए तुलसी पत्र का विष्णु भगवान् की पूजा में विशेष महत्व बताया गया है. माता लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है इसीलिए रमा एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ माँ लक्ष्मी जी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए पूजा के बाद सभी को प्रसाद वितरण करना चाहिए. यदि संभव हो तो इस दिन घर में सुन्दर काण्ड और गीता पाठ अवश्य कराना चाहिए. इसके बाद व्रत के अगले दिन यानी की द्वादशी तिथि को ब्राह्माणों को अन्न व दक्षिणा देकर व्रत का पारण विधिवत करना शुभ माना गया है.
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रमा एकादशी व्रत का महत्व Rama Ekadashi Importance in Hindi
पुराणों की माने तो ऐसी मान्यता है की रमा एकादशी का व्रत करने पर व्यक्ति को कामधेनु और चिंतामणि के समान फल प्राप्त होते है साथ ही इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति द्वारा जाने अनजाने किये सभी पाप नष्ट हो जाते है और विष्णु धाम की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन- धान्य की कमी नहीं होती और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.