रक्षाबंधन शुभ योग 2020 Rakhi Shubh Muhurt 2020
रक्षाबंधन 2020 – मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को ही मनाया जाता है बहुत सी जगहों पर इसे श्रावणी पूर्णिमा और राखी पूर्णिमा के नाम से भी जानते है इस दिन बहने भाइयो की कलाई पर रंग बिरंगी राखिया बांधती है और भाइयो की सुखी जीवन की कामना करती है भी भी अपनी बहनो को उनकी रक्षा का वचन और उपहार देते है साल 2020 में 3 अगस्त सोमवार के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा. आज हम आपको इस वीडियो में रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2020 इस बार बन रखे शुभ योग और शास्त्रों के अनुसार इस शुभ दिन किस समय राखी नहीं बांधनी चाहिए इस बारे में बताएँगे.
रक्षा बंधन 2020 शुभ योग Raksha Bandhan
इस बार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन 3 अगस्त को कई शुभ योगो के साथ आएगा. इस बार श्रावणी पूर्णिमा के साथ महीने का श्रावण नक्षत्र भी 3 अगस्त को पूरे दिन रहेगा जिससे इसकी शुभता और बढ़ जाएगी। इसके अलावा इस दिन सावन माह का आखिरी सोमवार, और सर्वार्थसिद्धि का विशेष संयोग रहेगा। ज्योतिष अनुसार इस बार राखी पर करीब 29 सालों के बाद सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही इस बार राखी पर भद्रा का साया भी नहीं रहेगा.
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2020 Raksha Bandhan 2020 Shubh Muhurat
- साल 2020 में रक्षाबंधन का पर्व 3 अगस्त सोमवार के दिन है.
- सावन पूर्णिमा तिथि शुरू होगी – 2 अगस्त रविवार रात्रि 09:28 मिनट पर|
- सावन पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 3 अगस्त सोमवार रात्रि 09:28 मिनट पर|
- रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त होगा – 3 अगस्त सोमवार प्रातःकाल 09:28 मिनट से रात्रि 09:17 मिनट तक रहेगा |
- रक्षा बन्धन अपराह्न मुहूर्त – दोपहर 01:48 मिनट से शाम 04:29 मिनट तक|
- रक्षा बन्धन प्रदोष काल मुहूर्त – शाम 07:10 मिनट से रात्रि 09:17 मिनट तक|
- भद्रा काल समाप्ति का समय होगा- प्रातःकाल 09:28 मिनट पर|
रक्षाबंधन पूजा-विधि Raksha Bandhan Puja Vidhi
रक्षा बंधन के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा की थाल सजाये. थाल में रोली अक्षत चन्दन पुष्प मिठाई और रंग बिरंगी राखिया रखे और दीपक जलाएं। थाल को पूजा स्थल पर रखकर सभी देवी देवताओ का स्मरण कर धुप दीप जलाये और भगवान् का आशीर्वाद ले. पूजा के बाद भाई को आसन पर बिठाकर उनका तिलक कर उनके दाहिनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के बाद मिठाई खिलाकर पूजा सम्पन्न करे. राखी बंधवाने के बाद भाई भी बहनो रक्षा का वचन और कुछ उपहार भेंट देते है.
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किस समय ना बांधे राखी Raksha Bandhan
ज्योतिष शास्त्र अनुसार ऐसी मान्यता है की कुछ समय या काल ऐसा भी होता है जब भाई की कलाई पर राखी नहीं बाँधी जाती इसे शुभ नहीं माना जाता है वो समय है भद्रा काल| शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते है. इसके अलावा इस बात का ध्यान भी रखा जाना चाहिए कि राखी बांधते वक्त कक्ष में अंधेरा नहीं होना चाहिए. राखी बांधते समय भाई या बहन में से किसी का मुख दक्षिण दिशा में ना हो क्योकि दक्षिण दिशा में नकरात्मक शक्तियां प्रबल रहती है.