Radha Ashtami Vrat 2018 Date Time Shubh Muhurt राधा अष्टमी व्रत

राधाष्टमी महालक्ष्मी व्रत शुभ मुहूर्त पूजा विधि Radha Ashtami 2018 Vrat Tithi Puja Shubh Muhurt

Radha Ashtami Vrat 2018Radha Ashtami Vrat 2018- राधाष्टमी भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाती है. भाद्रपद  शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन राधारानी के सभी भक्त बरसाने की ऊँची पहाडी़ पर स्थित गहवर वन की परिक्रमा करते हैं और इसी वन पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. कुछ जगहों पर तो राधा अष्टमी व्रत को महालक्ष्मी व्रत के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको राधा अष्टमी व्रत के शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में बताएंगे.

राधा अष्टमी व्रत तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त Radha Ashtami Vrat 2018 date Time 2018

साल 2018 में राधा अष्टमी 17 सितंबर 2018 सोमवार के दिन मनाई जाएगी. अष्टमी तिथि 16 सितंबर 15:54 मिनट अर्थात 3 बजकर 54 मिनट से प्रारम्भ होकर 17 सितंबर 2018 को 17:44 मिनट अर्थात 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. राधा अष्टमी को राधा जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इसमें सबसे ख़ास बात यह है की यह कृष्ण जनामाष्टमी के 15 दिन बाद राधा अष्टमीका त्यौहार मान्या जाता है.

राधाष्टमी पर माँ लक्ष्मी जी की पूजा क्यों की जाती है Radha Ashtami Mahalakshmi Vrat 2018

राधा जी को माता लक्ष्मी जी का ही अवतार माना जाता है कृष्ण अष्टमी के समय कृष्ण के साथ की कामना और भक्ति की ऊच्चाईयों को बताने के लिए ही माता लक्ष्मी ने राधा जी के रूप में धरती पर अवतरित होने का फैसला लिया था. जबकि कुछ पौराणिक कथाओ के अनुसार कहते है की जब भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में धरती पर जन्म लिया तब उन्होंने अपने परिवार से साथ चलने के लिए के लिए कहा जिस कारण माँ लक्ष्मी राधा के रूप में कृष्ण के प्रेमी के रूप में दिखाई दी. इसीलिए राधाष्टमी के दिन राधा रानी के साथ ही माता लक्ष्मी जी की पूजा आराधना भी की जाती है.

राधाष्टमी महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि  Radha Ashtami Vrat Pujan Vidhi 2018

Radha Ashtami Vrat 2018 राधाष्टमी के दिन सर्वप्रथम स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर मन से राधा रानी या महालक्ष्मी व्रत का संकल्प लेना चाहिए. राधा जी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराकर उनका श्रृंगार करना चाहिए. दिन के समय पूरे भक्ति भाव से राधा जी और माँ लक्ष्मी जी की आराधना करे. इसके बाद धूप-दीप जलाकर आरती करनी चाहिए और भोग लगाया चाहिए.  नारद पुराण के अनुसार जो भी राधाष्टमी के दिन सच्चे मन से इस व्रत को करता है वह सभी पापों से मुक्ति पाता हैं और साथ ही माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से उसे धन वैभव और सुख समृद्धि का वरदान मिलता है. 

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राधाष्टमी व्रत का महत्व Importance of Radha Ashtami fast in India

Radha Ashtami Vrat 2018 पुराणों की माने तो राधा अष्टमी का व्रत करने और कथा सुनने से भक्त को सुखी जीवन कीप्राप्ति होती है. इस दिन राधाजी के मंत्र जाप करनी से सभी तरह के कस्ट दूर होते है  मान्यता है की जब तक राधा जी की पूजा नहीं की जाती है तब तक श्री कृष्ण जी की पूजा भी अधूरी रहती है शास्त्रों में राधा जी को भगवान श्री कृष्ण के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी स्वीकार किया गया है.

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