अश्विन प्रदोष व्रत पूजा विधि 2020 Pradosh Vrat Poja Vidhi
Pradosh Vrat – व्रत त्योहारों की दृष्टि से सितम्बर का महीना बहुत ही ख़ास माना जाता है इस माह में कई बड़े व्रत त्यौहार आते है शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह में आने वाली प्रदोष और मासिक शिवरात्रि ये वो तिथियां है जो शिव भक्ति के लिए महत्वपूर्ण है पंचाग के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है तो वही चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जताई है लेकिन इस बार अश्विन माह में कृष्णा प्रदोष और मासिक शिवरात्रि का व्रत एक ही तिथि को पड रहा है जिस कारण यह तिथि भगवन शिव को प्रसन्न करने और मनोकामना पूर्ति के लिए बेहद अहम् है आज हम आपको साल 2020 अश्विन माह कृष्णा प्रदोष व्रत और कृष्णा मासिक शिवरात्रि व्रत की की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.
भौम प्रदोष तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat September Month Date
- साल 2020 में अश्विन माह कृष्णा प्रदोष और मासिक शिवरात्रि का व्रत 15 सितम्बर मंगलवार के दिन रखा जाएगा|
- त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होगी – 15 सितम्बर प्रातःकाल 01:29 मिनट
- त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 15 सितम्बर रात्रि 11:00 बजे|
- प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 06:26 मिनट से 08:46 मिनट तक|
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2020 masik Shivratri 2020
- अश्विन मास मासिक शिवरात्रि का व्रत 15 सितम्बर मंगलवार के दिन रखा जाएगा|
- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ होगी – 15 सितम्बर रात्रि 11:00
- चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी – 16 सितम्बर 07:56 मिनट पर
- पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – रात्रि 11:53 मिनट से प्रातः काल 12:40 मिनट तक|
- शिवरात्रि की पूजा निशीतकाल में करना शुभ माना जाता है इसीलिए 15 सितम्बर को मासिक शिवरात्रि का पूजन और व्रत किया जाएगा.
भौम प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
प्रदोष व्रत अर्थात त्रयोदशी तिथि के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और फिर भगवान शिव ध्यान करते हुए हाथों में जल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद विधि अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की प्रदोष पूजा मुहूर्त में पूजा करें। सबसे पहले महादेव का अभिषेक कर पूजा में उन्हें बेल पत्र, अक्षत , फूल, धूप , दीप, चंदन, फल, पान, सुपारी सभी पूजन सामग्री अर्पित करे. पूजा के दौरान पूजन सामग्री अर्पित करते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। अंत में प्रदोष व्रत कथा आरती व चालीसा का पाठ कर महादेव के समक्ष अपनी मनोकामना प्रकट करे और प्रसाद वितरण के बाद चतुर्दशी को सुबह पारण कर व्रत पूर्ण करें।
भौम प्रदोष व्रत उपाय Pradosh Upay
शास्त्रों के अनुसार जब मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि पड़ती है तो भौम प्रदोष का सुन्दर और लाभकारी योग बनता है, मंगल ग्रह का ही एक नाम भौम भी है और माना जाता है की यह व्रत हर तरह के कर्ज से छुटकारा दिलाने वाला होता है. इसीलिए आज के दिन इस शुभ योग में कुछ न कुछ उपाय जरूर करने चाहिए आइये जानते है ये उपाय क्या है.
- जो भी लोग भौम प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते है तो उन्हें जीवन में मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलता है.
- भौम प्रदोष व्रत कर्ज मुक्ति के लिए खास होता है इसीलिए आज के दिन कर्ज से मुक्ति पाने के लिए शाम के समय किया गया हनुमान चालीसा का पाठ जल्द ही कर्ज से छुटकारा दिलाने वाला होता है.
- भौम प्रदोष और मासिक शिवरात्रि के इस शुभ दिन हनुमान मंदिर में बूंदी के लड्डू अर्पित करना बेहद लाभकारी होता है.
- आज के दिन दान पुण्य करने से सुख समृद्धि का वरदान जातक को प्राप्त होता है.
- प्रदोष काल के समय शिव मंदिर या घर पर भगवान शिव के समक्ष 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सभी परेशानिया दूर होती है.