पितृ पक्ष कब से कब तक है Pitru Paksh Starting Date 2021
पितृ पक्ष – पंचांग के अनुसार पितृपक्ष एक महत्वपूर्ण पक्ष माना गया है. पितृ देव स्वरूप होते हैं। इस पक्ष में पितरों के नाम से दान, तर्पण आदि तथा श्राद्ध जैसे कार्य किये जाते है माना जाता है की पितृ पक्ष में जो भी दान पुण्य के कार्य करता है तो उन्हें पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है की पितृपक्ष में किया गया श्राद्ध-कर्म सांसारिक जीवन को सुखमय बनता है। हर साल पितृ पक्ष के बाद नवरात्री शुरू होती है पंचांग के अनुसार इस बार पितृ पक्ष का आरम्भ 20 सितम्बर 2021 से हो रहा है. आज हम आपको पितृ पक्ष 2021 कब से कब तक है पितृ पक्ष की सभी महत्वपूर्ण तिथियां और पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए और क्या नहीं इस बारे में बताएँगे.
श्राद्ध पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियां 2021 Pitru Paksh dates 2021
भाद्रपद मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से हर साल पितृ पक्ष का आरंभ होता है साल 2021 में पितृ पक्ष का आरम्भ 20 सितम्बर से होगा और पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा. इसी दिन पितृ विसर्जन किया जाएगा|
आइये जानते है पितृपक्ष 2021 की प्रमुख तिथियां क्या होंगी
- 20 सितंबर 2021, सोमवार – पूर्णिमा श्राद्ध
- 21 सितंबर 2021, मंगलवार- प्रतिपदा श्राद्ध
- 22 सितंबर 2021, बुधवार – द्वितीया श्राद्ध
- 23 सितंबर 2021, बृहस्पतिवार – तृतीया श्राद्ध
- 24 सितंबर 2021, शुक्रवार – चतुर्थी श्राद्ध
- 25 सितंबर 2021, शनिवार – पंचमी श्राद्ध
- 27 सितंबर 2021, सोमवार – षष्ठी श्राद्ध
- 28 सितंबर 2021, मंगलवार – सप्तमी श्राद्ध
- 29 सितंबर 2021, बुधवार – अष्टमी श्राद्ध
- 30 सितंबर 2021, बृहस्पतिवार – नवमी श्राद्ध
- 1 अक्तूबर 2021, शुक्रवार – दशमी श्राद्ध
- 2 अक्तूबर 2021, शनिवार – एकादशी श्राद्ध
- 3 अक्तूबर 2021, रविवार – द्वादशी, सन्यासियों का श्राद्ध, मघा श्राद्ध
- 4 अक्तूबर 2021, सोमवार – त्रयोदशी श्राद्ध
- 5 अक्तूबर 2021, मंगलवार – चतुर्दशी श्राद्ध
- 6 अक्तूबर 2021, बुधवार – अमावस्या श्राद्ध
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पितृ पक्ष का महत्व Pitru Paksh Importance
धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है की पितरों के प्रसन्न होने पर देवी-देवता प्रस्नन रहते हैं। क्योकि पितरों को भी देवतुल्य समझा जाता है पितरों को समर्पित यह श्राद्धपक्ष भादों पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलता है। यह पक्ष विशेष रूप से पितरों के लिए ही बनाया है। इसीलिए पितृपक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व है। इस पक्ष में पितरो के निमित दान और श्राद्ध कर्म करने से वयक्ति को पितरो का आशीर्वाद मिलता है और उनके आशीर्वाद से जीवन से दुःख परेशानिया दूर होती है.
पितृ पक्ष में क्या करे क्या ना करे Pitru Paksh Kya kare kya na kare
- पितृ पक्ष में कई बातो और नियमो का पालन प्रत्येक व्यक्ति को जरूर करना चाहिए जैसे –
- श्राद्धपक्ष के दौरान मसूर की दाल, धतूरा, अलसी, कुलथी इन दालों का प्रयोग वर्जित बताया गया है।
- इस दौरान तामसिक भोजन भी ग्रहण नहीं करना चाहिए.
- पितृ पक्ष में पित्तरों का अपमान न करें .
- पितृ पक्ष में घर पर आए व्यक्ति या जरूरतमंद का अपमान न करें.
- पितृ पक्ष में घर पर कलेश नहीं करना चाहिए।
- पितृ पक्ष में पित्तरों का तर्पण और श्राद्ध अवश्य करे क्योंकि इस समय पर पित्तर धरती पर उपस्थित होते हैं।
- पितृ पक्ष में गाय, कुत्ते और कौए को भोजन कराना चाहिए।
- इस दौरान पित्तरों के नाम से दान जरूर करना चाहिए।
- पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराकर सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा देनी चाहिए।