Pausha Putrada Ekadashi 2021 | पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त 2021

पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि Pausha Putrada Ekadashi Puja Vidhi 2021

पौष पुत्रदा एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी – शास्त्रों के अनुसार पौष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. यह साल में आने वाले सभी एकादशी तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण होती है इस दिन व्रत उपवास करने से संतान सम्बन्धी सभी परहनिया दूर होकर उनके उज्जवल भविष्य का वरदान प्राप्त होता है इस दिन भगवान् विष्णु जी या बाल गोपाल की पूजा की जाती है आज हम आपको साल 2021 में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत की सही तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस व्रत के कुछ जरूरी नियमो के बारे में बताएँगे.

पौष पुत्रदा एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2021 Pausha Putrada Ekadashi Date Time 2021

  1. साल 2021 में पौष पुत्रदा एकादशी 24 जनवरी रविवार के दिन है|
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 23 जनवरी, रात्रि 08:56 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 24 जनवरी रात्रि 10:57 मिनट पर|
  4. पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा – 25 जनवरी प्रातःकाल 07:13 मिनट से प्रातःकाल 09:21 मिनट तक |

पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि Paush Putrada Ekadashi Vrat puja Vidhi

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के नियमानुसार दशमी तिथि को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए फिर एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजास्थल पर भगवन विष्णु जी की या बाल गोपाल की प्रतिमा स्थापित करे. सबसे पहले प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं फिर चंदन से तिलक लगाएं. पूजा में भगवान को धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी के पत्ते, पीले फूल अर्पित करे. इसके बाद व्रत कथा कक पाठ कर आरती कर ले और शाम के समय भगवान कृष्ण के मंदिर में दीया जलाकर पूजन करे. अगली सुबह द्वादशी के दिन पुनः भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत का पारण करे और ब्राह्मण को भोजन व क्षमता अनुसार दान देकर विदा करे.

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रखने के नियम Pausha Putrada Ekadashi Niyam 2021

  1. पौष पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिनभर निर्जल उपवास रखना चाहिए.
  2. व्रत के दिन पूजास्थल के साथ घर में भी स्वछता का ख्याल रखना चाहिए.
  3. एकादशी के व्रत में तामसिक आहार जैसे प्याज़, लहसुन,बासी भोजन का सेवन बिलकुल न करे.

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  1. पौष पुत्रदा एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करे..
  2. एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी सामर्थ्यानुसार ब्राह्मण तथा गरीबों को दान देकर पारणा जरूर करना चाहिए.
  3. एकादशी के दिन झूठ बोलना और घर में कलह जैसे कार्य बिल्कुल न करे.
  4. एकादशी के व्रत में दशमी के दिन से ही व्रत के नियमो का अच्छी तरह से पालन करना चाहिए.
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