निर्जला एकादशी व्रत 2020 Nirjala Ekadashi Date Time Puja Muhurat 2020

निर्जला एकादशी व्रत Nirjala Ekadashi Importance 2020

निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि निर्जला एकादशी के नाम से जानी जाती हैं। यह एकादशी साल की चौबीस एकादशियों में से सर्वोत्तम मानी गई है शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में पानी पीना वर्जित है जिस कारण इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का व्रत रखने से सभी एकादशियों के व्रतों के फल की प्राप्ति व्यक्ति को एकसाथ ही हो जाती है. भीमसेन एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आज हम आपको साल 2020 ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी व्रत की सही तारीख, शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में बताएँगे.

निर्जला एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त 2020 Nirjala Ekadashi Date time 2020

  1. साल 2020 में 2 जून मंगलवार को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जायेगा|
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ – 01 जून सोमवार सायंकाल 02:57 मिनट पर |
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 2 जून मंगलवार सायंकाल 12:04 मिनट पर |
  4. एकादशी व्रत के पारण का समय होगा – 3 जून प्रातःकाल 05:23 मिनट से प्रातःकाल 08:10 मिनट तक|

निर्जला एकादशी पूजा विधि Nirjala Ekadashi Puja Vidhi

यह व्रत बेहद कठिन माना गया है इस व्रत में एकादशी तिथि से लेकर अगले दिन द्वादशी तिथि सूर्योदय तक जल और भोजन का त्याग किया जाता है। इसके बाद दान, पुण्य कर व्रत का परं के बाद व्रत पूर्ण होता है। निर्जला एकादशी के दिन सर्वप्रथम ब्रह्म मुहूर्त में उठाकर स्नान के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा पूजास्थल पर स्थापित कर विधिपूर्वक पूजा करें और उन्हें पीले चंदन पीले फल फूल पीली मिठाई अर्पण करें. भगवान विष्णु की पूजा में उनके मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवायः का जाप करें। व्रती को इस दिन जल से कलश का दान अवश्य करना चाहिए. यह उपवास निर्जल रहकर पूरा करना चाहिए. इस दिन शेषशायी रूप में भगवान विष्णु की आराधना कर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र, छतरी, पंखा तथा फल आदि का दान करना शुभ होता है।

एकादशी व्रत का पारण कब करें Ekadashi Vrat Paran 2020

शास्त्रों की माने तो एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही करना शुभ होता है यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाती है तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद ही पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। इसलिए जो भी यह व्रत रखते है और व्रत का पारण करते है उन्हें हरि वासर की अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर पारण करना चाहिए.

निर्जला एकादशी सावधानियां Nirjala Ekadashi Niyam

शास्त्रों में यह व्रत कठिन माना गया है इसीलिए इस व्रत को लेकर कुछ सावधानिया भी बतायी गयी है आइये जानते है इस दिन व्रती को क्या सावधानिया रखनी चाहिए.

  1. निर्जला एकादशी पर सूर्य उदय से पहले उठकर व्रत का संकल्प करना चाहिए.
  2. आज के दिन घर में लहसुन प्याज और तामसिक भोजन का प्रयोग बिल्कुल भी न करे.
  3. एकादशी की पूजा में स्वछता का विशेष ख्याल रखे.
  4. निर्जला एकादशी के दिन परिवार में शांतिपूर्वक माहौल बनाए रखें

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निर्जला एकादशी पर करें महाउपाय Nirjala Ekadashi Upay 

  1. मान्यता है की यदि निर्जला एकादशी के दिन खुद प्यासे रहकर कुछ उपाय किये जाय तो इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति की सभी मंपकमनाये पूरी होती है आइये जानते है इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है.
  2. निर्जला एकादशी का व्रत कर खुद भूखे प्यासे रहकर जरूरतमंद लोगों को फल अन्न छतरी शरबत और विशेषकर जल का दान करने से व्यक्ति की प्रत्येक इच्छा पूरी होती है.
  3. आज के दिन श्री विष्णु मंत्र ओम नमो नारायणाय का 108 बार जाप करना लाभकारी होता है.
  4. आज के दिन श्रीहरि विष्णु जी के साथ माँ लक्ष्मी जी की उपासना करने से व्यक्ति को धनधान्य में वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
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