Nirjala Ekadashi puja vidhi निर्जला एकादशी पूजा विधि
Nirjala Ekadashi- ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. निर्जला एकादशी सालभर में आने वाली सभी 24 एकादशियों में सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण मानी गयी है. पुराणों के अनुसार निर्जला एकादशी के व्रत मात्र से सालभर की सभी एकादशियों के व्रत के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति हो जाती है. साल 2019 की ये एकादशी गुरुवार के शुभ संयोग में करीब 6 सालों के बाद आ रही है जिस कारण इसका महत्व और प्रभाव और भी अधिक होगा. आज हम आपको साल 2019 निर्जला एकादशी तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले महादान के बारे में बताएँगे.
निर्जला एकादशी व्रत तिथि व शुभ मुहूर्त Nirjala Ekadashi vrat tithi shubh muhurt 2019
- निर्जला एकादशी का व्रत 13 जून गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
- एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी- 12,जून 2019 बुधवार को शाम 06:27 मिनट पर|
- एकादशी तिथि समाप्त होगी- 13, जून 2019 गुरुवार शाम 04:49 मिनट पर|
- एकादशी व्रत के पारण का शुभ समय होगा 14 जून शुक्रवार प्रातः काल 05:37 मिनट से 08:21 मिनट तक|
निर्जला एकादशी पूजा विधि Nirjala Ekadashi fastpujan vidhi
एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु जी का पूजन किया जाता है इस दिन सुबह स्नानादि से निवृत होकर भगवान विष्णु जी का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें और पूजा घर में भगवान विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल छिड़क दे इसके बाद पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु जी का पूजन करने के साथ ही “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय”मंत्र का जाप करना चाहिए. भगवान विष्णु जी को पूजा में लाल रंग के पुष्प, धूप, दीप, नैवेध, व फल अर्पित करने के बाद आरती करें. शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है की द्वादशी तिथि के दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास खोलकर अन्न जल ग्रहण करना चाहिए.
निर्जला एकादशी का महत्व Nirjala Ekadashi vrat importance
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में महर्षि वेदव्यास ने भीम को इस एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया था जिस कारण इसे भीमसैनी एकादशी भी कहा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत के दिन गंगा स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है की जो लोग इस एकादशी के दिन गंगा स्नान के लिए ना जा सके यदि वो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलकर स्नान कर ले उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. निर्जला एकादशी जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है की इस व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है जो भी लोग इस व्रत को सच्चे मन और श्रद्धा से करते है उन्हें इस व्रत के शुभ प्रभाव से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
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निर्जला एकादशी महादान Nirjala Ekadashi snaan daan tips
ऐसी मान्यता है की निर्जला एकादशी के दिन अगर आप व्रत न भी कर पाएं तो इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार दान जरूर करना चाहिए. इस दिन जल का दान विशेष रूप से श्रेष्ठ माना गया है। यूँ तो आप अपनी श्रद्धानुसार भोजन, खाद्य पदार्थों व अन्य वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं। लेकिन निर्जला एकादशी व्रत पर बिना अन्न जल ग्रहण किये किसी जरूरतमंद व्यक्ति को शुद्ध पानी से भरा कलश दान करने से जीवन में सुख- समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य, यश- वैभव और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है.