नवरात्रि माता की चौकी कब हटाए 2025 Navratri Mata Ki ChaukiKab Hataye
Navratri Visarjan Paran Date Time 2025 शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनो तक माता के भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत, अखंड जोत और माता की चौकी के साथ ही घर में कलश स्थापना करते है नवरात्री की अष्टमी, नवमी को हवन व कन्या पूजन के बाद नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है। नवरात्रि की अष्टमी महाष्टमी और नवमी तिथि महानवमी कहलाती है इस दिन देवी महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होती है. आइये जानते है साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का पारण कब किया जायेगा, कलश की सामग्री, जल का क्या करे और माता की चौकी कब हटानी चाहिए|
चैत्र नवरात्रि पारण 2025 Navratri Paaran Kab Hai 2025
- धार्मिक मान्यता अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण दशमी तिथि में करना शुभ होता है|
- साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का पारण 7 अप्रैल सोमवार को किया जाएगा|
- पारण का शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 09:23 मिनट से प्रातःकाल 10:56 मिनट|
कलश विसर्जन विधि Kalash Visarjan Vidhi
नवरात्रि के दौरान स्थापित किये गए कलश को विधिवत विसर्जन करना चाहिए. दशमी के दिन कलश विसर्जन के समय ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जाप करते हुए कलश को हिलाये. अब कलश के नारियल को किसी चौकी के उपपर रख दे, कलश में डले आम के पत्तों से कलश के जल को अपने घर के चारों कोनों पर छिड़किए। और फिर बाकी बचे कलश के जल को तुलसी के गमले में अर्पण कर दें। कलश के चावलों को नदी तालाब में विसर्जित या फिर घर के पेड़-पौधे और क्यारियों में भी डाल सकते है. कलश के उपपर रखे नारियल को अपने यहाँ की मान्यता अनुसार विसर्जन करे या घर के मंदिर में रख दे.
माता की चौकी कब हटाए Navratri Paran, Mata Ki Chauki Kab Hataye
शास्त्रों के अनुसार व्रत के पारण के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है. नवरात्रि में माता की चौकी, बोये हुए जवारे व अन्य विसर्जन का सामान नौ दिन पूरे होने के बाद दशमी तिथि को हटाने चाहिए. अखंड जोत को एक दोने में रखकर किसी तालाब या नदी में प्रवाहित कर दे या फिर आप इसे घर पर ऐसे ही जली रहने दे.
कलश की सामग्री का क्या करे kalash Samagri Ka Kya Kare
कलश स्थापना के समय शुभ फलो की कामना के साथ जो भी सामग्री कलश में डाली जाती है उनमे से हल्दी, सुपारी और सिक्का निकालकर अपने धन रखने के स्थान पर रख दे और बाकी बची सामग्री जैसे आम के पत्ते, दूर्वा, चावल और कलावा किसी नदी तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए.