नवरात्रि छठा दिन पूजा विधि Navratri Maa Katyayni Puja Vidhi Mantra Bhog
Navratri Sixth Day Puja Vidhi नवरात्रि का छठा दिन देवी कात्यायनी को समर्पित है. नवरात्रि के छठे दिन दुर्गा माँ के छठे स्वरुप देवी कात्यायनी की पूजा होती है इन्हें गौरी, उमा, हेमावती और इस्वरी आदि कई नामो से जाना जाता है. कथाओ के अनुसार महर्षि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा. शास्त्रों के अनुसार जो माँ के इस छठे रूप की पूजा करता है तो उसे विवाह सम्बन्धी परेशानियों से छुटकारा मिलता है साथ ही माँ कात्यायनी की पूजा से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. आज हम आपको साल 2022 शारदीय नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी स्वरूप, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भोग, मंत्र, रंग और इस दिन किये जाने वाले लाभकारी उपाय के बारे में बतायेगे.
मां कात्यायनी पूजन शुभ मुहूर्त Maa Katyayni Pujan Muhurat
- शारदीय नवरात्रि छठा व्रत 1 अक्टूबर को है|
- ब्रह्म मुहूर्त होगा – प्रातःकाल 04:37 मिनट से प्रातःकाल 05:25 मिनट तक|
- अभिजित मुहूर्त होगा – प्रातःकाल 11:47 मिनट से दोपहर 12:34 मिनट तक|
- विजय मुहूर्त होगा – दोपहर 02:09 मिनट से दोपहर 02:57 मिनट तक|
- गोधूलि मुहूर्त होगा – सायंकाल 05:55 मिनट से सायंकाल 06:19 मिनट तक|
- रवि योग होगा – प्रातःकाल 06:14 मिनट से 2 अक्टूबर प्रातःकाल 03:11 मिनट तक|
मां कात्यायनी का स्वरूप Maa Katyayni Swaroop
प्राचीन कथाओ के अनुसार माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं, इनका स्वरुप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है। इनका रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं. मां कात्यायनी के दाहिनी ओर का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में और नीचे वाला वरमुद्रा में है. माँ के बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है देवी कात्यायनी सिंह पर सवार रहती हैं. ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं और इनकी साधना से साधक का मन ‘आज्ञा चक्र’ में स्थित होता है।
मां कात्यायनी पसंदीदा रंग व भोग Maa Katyayani Bhog
शास्त्रों के अनुसार माँ के इस छठे रूप अर्थात माँ कात्यायनी का पसंदीदा रंग लाल व पीला है. आज के दिन इस रंग के वस्त्र पहन और माँ को लाल व पीले रंग के पुष्प करना शुभ होता है माँ को आज के दिन पूजा में शहद का भोग लगाना चाहिए क्योकि शहद माँ को अति प्रिय है.
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माता माँ कात्यायनी पूजन विधि Maa Katyayani Puja Vidhi
दुर्गा पूजा के छठे दिन प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प करे. इसके बाद कलश, गणेश जी व देवी के छठे स्वरुप माँ कात्यायनी की पूजा प्रारम्भ करे. पूजास्थल में धूप-दीप जलाकर मां का ध्यान करें और उन्हें पीले या लाल रंग के फूल, कच्ची हल्दी की गांठ सुहाग का सामान लाल चुनरी, सिन्दूर और उनका प्रिय भोग शहद अर्पित करें. अंत में व्रत कथा पढ़े ले या सुने. अब देवी कात्यायनी मंत्र || ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥ का 108 बार जाप कर माँ की आरती कर ले.
माँ को प्रसन्न करने के लिए क्या करे Maa Katyayani Puja Vidhi Upay
- मान्यता है की नवरात्रि के छठे दिन देवी के छठे रूप मां माँ कात्यायनी की पूजा से भक्त को आज्ञा चक्र जाग्रत करने की सिद्धियां मिलने के अलावा, विवाह में आ रही परेशानिया दूर होती है
- इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए माँ को उनकी प्रिय चीजे अर्पित करे और कात्यायनी में मन्त्र का 108 बार जाप करे.
- इस दिन पूजा में सात कौड़िया, हल्दी की गांठ व चावल अर्पित करने से माँ आपको मनवांछित फल देती है.
- यदि विवाह सम्बन्धी समस्या है या कुण्डली में विवाह का योग नहीं बन रहा है तो मां कात्यायनी की विधिवत पूजा कर 108 बार माता के मंत्रों का जाप करें। पौराणिक कथाओं के अनुसार गोपियों ने भी भगवान श्री कृष्ण से विवाह के लिए मां कात्यायनी देवी की अराधना की थी।