नवरात्रि अष्टमी नवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2024 Navratri Kanya Pujan Muhurat 2024

नवरात्रि 2024 अष्टमी नवमी कब है Navratri 2024

Navratri Kanya Pujan Muhurat 2024Navratri Kanya Pujan Muhurat 2024 शास्त्रों के अनुसार नवरात्रो के 9 दिनों में माँ दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है. नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियां बेहद ही खास मानी जाती है इन तिथियों में लोग पूजा के साथ कन्या पूजन और हवन कर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते है. मान्यता है की नवरात्रि में व्रत व पूजन का पूर्ण फल कन्या पूजन के बिना प्राप्त नहीं होता है. देवी पुराण के अनुसार अष्टमी या नवमी के दिन 9 कन्याओं और एक बटुक की पूजा करनी चाहिए. आइए जानते हैं इस साल अष्टमी और नवमी व्रत कब है, कन्या पूजन कब किया जायेगा, अष्टमी नवमी कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त, विधि और कन्या पूजन को कितने घंटे का शुभ समय मिलेगा|

अष्टमी, नवमी कब है 2024 Ashtami Nnavmi Kab Hai 2024

  1. पंचांग के अनुसार साल 2024 में अष्टमी नवमी का व्रत 11 अक्टूबर शुक्रवार को रखा जायेगा।
  2. इस साल अष्टमी नवमी दोनों तिथियां एक ही दिन है.
  3. अष्टमी तिथि शुरू – 10 अक्टूबर दोपहर 12:31 मिनट|
  4. अष्टमी तिथि समाप्त – 11 अक्टूबर दोपहर 12:06 मिनट|
  5. नवमी तिथि शुरू – 11 अक्टूबर दोपहर 12:06 मिनट
  6. नवमी तिथि का समापन – 12 अक्टूबर प्रातःकाल 10:58 मिनट|

कन्या पूजन मुहूर्त 2024 Durga Ashtami Shubh Muhurat

  1. 11 अक्टूबर कन्या पूजन मुहूर्त है –
  2. चर सामान्य मुहूर्त – प्रात: काल 06:20 मिनट से प्रात: काल 07:47 मिनट तक|
  3. लाभ उन्नति मुहूर्त – प्रात:काल 07:47 मिनट से प्रात: काल 09:14 मिनट तक|
  4. अमृत मुहूर्त – प्रात:काल 09:14 मिनट से प्रात:काल 10:41 मिनट तक|
  5. अभिजीत मुहूर्त – सुबह के 11:43 मिनट से दोपहर 12:30 मिनट|
  6. विजय मुहूर्त – दोपहर 2:03 मिनट से दोपहर 02:49 मिनट|
  7. गोधूलि मुहूर्त – शाम 5:55 मिनट से शाम 6:19 मिनट|

कन्या पूजन विधि Shardiya Navratri Kanya pujan 2024

कन्या पूजन के दिन प्रातःकाल स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भोजन तैयार करे सर्वप्रथम मां दुर्गा की आरधना करें और माँ को भोग लगाए. इसके बाद 9 कन्याओं और 1 बालक को बटुक के रूप में घर बुलाकर उन्हें आसन पर उन्हें बिठाएं और स्वच्छ जल से कन्याओं के पैर दुलाएं अब उनका तिलक करे और फिर उन्हें भोजन करवाए. भोजन में कन्याओ को हलवा, चना और पूड़ी का भोग लगाएं। कन्याओं को भोग लगाने के बाद उन्हें दक्षिणा दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। अब स्वयं भी प्रसाद खाकर व्रत का पारण करना चाहिए।

error: