नवरात्रि 2024 दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त Navratri Durga Ashtami Shubh Muhurat
Navratri Durga Visarjan 2024 Date नवरात्रि का पर्व पूरे 9 दिनों तक चलता है जिस तरह विधि विधान के साथ पहले दिन घट स्थापना की जाती है वैसे ही विधि विधान के साथ दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है. कहते है की देवी दुर्गा इस दौरान अपने भक्तों के बीच रहकर उन्हें आशीर्वाद देती हैं. शारदीय नवरात्रो के दसवें दिन विजयादशमी दशहरा और दुर्गा विसर्जन करने की मान्यता है. इस दिन माता को विदा किया जाता है आइये जानते है साल 2024 में शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है, दुर्गा विसर्जन कब किया जायेगा, अष्टमी नवमी कब है और दुर्गा विसर्जन की विधि क्या है|
दुर्गा विसर्जन कब है 2024 Durga Visarjan 2024
- साल 2024 में दुर्गा विसर्जन और नवरात्रि पारण 12 अक्टूबर को दशमी के दिन किया जाएगा|
- अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि शुरू – 12 अक्टूबर प्रातःकाल 10:58 मिनट|
- अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि समाप्त – 13 अक्टूबर प्रातःकाल 09:08 मिनट|
- दुर्गा विसर्जन मुहूर्त – दोपहर 01:17 मिनट से दोपहर 03:35 मिनट|
- श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – 12 अक्टूबर प्रातःकाल 05:25 मिनट|
- श्रवण नक्षत्र समाप्त – 13 अक्टूबर प्रातःकाल 04:27 मिनट|
- शास्त्रों के अनुसार श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि दोनों एक साथ अपराह्न के समय होते हैं, तो दुर्गा विसर्जन के लिए अपराह्न काल को प्रातःकाल से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है.
दुर्गा अष्टमी नवमी शुभ मुहूर्त 2024 Durga Ashtami Shubh Muhurat
- साल 2024 में दुर्गा अष्टमी और नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी|
- अष्टमी तिथि प्रारम्भ – 10 अक्टूबर दोपहर 12:31 मिनट |
- अष्टमी तिथि समाप्त – 11 अक्टूबर दोपहर 12:06 मिनट |
- नवमी तिथि प्रारम्भ – 11 अक्तूबर दोपहर 12:08 मिनट पर|
- नवमी तिथि समाप्त – 12 अक्टूबर प्रातःकाल 10:58 मिनट पर|
- संधि पूजा शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 11:42 मिनट से दोपहर 12:30 मिनट|
अष्टमी नवमी कन्या पूजन मुहूर्त Ashtami Navmi Kanya Puajan Muhurat 2024
- ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 4:40 मिनट से प्रातःकाल 5:29 मिनट
- प्रातःकाल 09:14 मिनट से प्रातःकाल 10:41 मिनट
- अभिजीत मुहूर्त – प्रातःकाल 11:43 से दोपहर 12:30 मिनट
- विजय मुहूर्त दोपहर 02:03 मिनट से दोपहर 02:49 मिनट
- गोधूलि मुहूर्त सायंकाल 05:55 मिनट से सायंकाल 06:19 मिनट
दुर्गा मूर्ति विसर्जन विधि Navratri Paaran
शास्त्रों के अनुसार दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण कर मां दुर्गा की पूजा करें। माँ दुर्गा को फल-फूल, अक्षत, सिंदूर सभी पूजन सामग्री अर्पित करें। मां के सामने घी का दीपक जलाकर सभी मंत्रों का उच्चारण करें। इसके बाद देवी माँ की आरती करें। अब माता की मूर्ति को हाथों से उनके स्थान से हिलाएं। इसके बाद विसर्जन वाली जगह पर लेकर जाकर माँ के जयकारों के बीच मां दुर्गा को मूर्ति को किसी तालाब या नदी में विसर्जित कर दें।