पंचक में शुरू है चैत्र नवरात्रि जानें शुभ मुहूर्त Navratri 2023 Shubh Muhurat

नवरात्री कलश स्थापना शुभ मुहूर्त Navratri Kalash Sthapana Muhurat   

Navratri 2023 Shubh MuhuratNavratri 2023 Shubh Muhurat हिंदू धर्म में माँ दुर्गा को शक्ति की देवी और भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता है. माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए हर कोई नवरात्रि के 9 दिनों में पूरे श्रद्धा के साथ माता की आराधना करते है. इस साल चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ 22 मार्च बुधवार से हो रहा है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पंचक में प्रारंभ हो रही है आइये जानते है चैत्र नवरात्रि कब से कब तक है, पंचक कब से कब तक रहेंगे, कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पंचको के दौरान पूजा का शुभ समय क्या होगा|

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2023 Chaitra Navratri 2023 Muhurat

  1. साल 2023 में चैत्र नवरात्रि 22 मार्च बुधवार से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगी|
  2. प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – 21 मार्च रात्रि 10:52 मिनट|
  3. प्रतिपदा तिथि समाप्त – 22 मार्च रात्रि 08:20 मिनट|
  4. 29 मार्च को दुर्गा अष्‍टमी और 30 मार्च को राम नवमी मनाई जाएगी|
  5. नवरात्रि पारण 31 मार्च को होगा|

पंचक कब से कब तक Panchak Kab se Hai

ज्योतिष अनुसार यह पंचक 19 मार्च रविवार से शुरू होकर 23 मार्च गुरुवार तक रहेंगे. पंचक 5 दिन के होते हैं हालांकि पंचक चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ के 2 दिन ही रहेंगे. यह पंचक रोग पंचक है जिन्‍हें सेहत की दृष्टि से अच्‍छा नहीं माना जाता है.

पंचक में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त Kalash Sthapana Shubh Muhurat 2023

इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में हो रही है. ये योग 22 मार्च की सुबह 9:18 मिनट तक रहेगा. इस योग के बाद ब्रह्म योग शुरू होगा, जो सुबह 9:19 मिनट से अगले दिन की सुबह 6:00 बजे रहेगा. इसके बाद इंद्र योग शुरू होगा. इन सभी योगों में माता की पूजन बेहद शुभ मानी जाती है और खूब फल देती है. इनमे से किसी भी योग में कलश स्थापना शुभ होगी|

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पंचक में नवरात्रि पूजन विधि Kalash Sthapana Vidhi

शास्त्रों में नवरात्रि का समय बेहद शुभ माना जाता है. ऐसे में घटस्‍थापना या माता दुर्गा की पूजा पर पंचक का कोई असर नहीं पड़ेगा. नवरात्रि से पहले पूरे घर की अच्‍छी तरह सफाई कर जिस स्‍थान पर घटस्‍थापना करनी है, वहां गंगाजल छिड़क कर उस जगह को पवित्र कर लें. मिट्टी के बर्तन में सप्त धान्य बोकर इसके उपपर जल से भरे कलश की स्थापना करे. फिर पूजा शुरू करने से पहले एक दीपक जलाएं. इसके बाद मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें. मातारानी को अक्षत, सिंदूर, लाल रंग के फूल माता, फल, मिठाई अर्पित करें. दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करें.

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