नरसिंहा जयंती के दिन ना करे ये गलतियां Do Not These Things on Narshimha Jayanti
नरसिंह जयंती Narasimha Jayanti वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह जयंती हिन्दू धर्म शास्त्र में बहुत बड़ा महत्त्व है। इस साल नरसिंह जयंती 28 अप्रैल को मनाई जायेगी. भगवान श्री नृसिंह को शक्ति और पराक्रम के देवता माने जाते है. बहुत से लोग चतुर्दशी के दिन नृसिंह जयंती का व्रत रखते है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री नृसिंह ने खंभे को चीरकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए अवतार लिया था। इसी कारण इस दिन को उनकी जयंती-उत्सव के रूप में मनाया जाता है। आज हम आपको नृसिंह जयंती व्रत के दौरान ध्यान देने वाली कुछ जरूरी बातों के बारे में.
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नृसिंह जयंती के व्रत पूजा विधि Narasimha Jayanti Vrat Puja Vidhi –
इस दिन सर्वप्रथम प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूरे घर की साफ़ सफाई करने के बाद घर और मंदिर को गंगाजल से पवित्र करें। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करे और साफ़ कपडे पहनने चाहिए. पूजा के स्थान पर पानी के कलश में तांबा इत्यादि डालकर उसमें अष्टदल कमल बनाना चाहिए। अष्टदल कमल पर शेर, भगवान नृसिंह और लक्ष्मीजी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए और पूजा आरती करनी चाहिए. व्रत के दिन रात्रि के समय भजन कीर्तन और जागरण करना चाहिए। चतुर्दशी तिथि के दूसरे दिन पूजन के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा देनी चाहिए.
नरसिंह जयंती व्रत का महत्व Narasimha Jayanti Vrat Importance –
शास्त्रों में नरसिंह जयंती की विशेष महिमा बताई गयी है इस दिन भगवान विष्णु ने हिरण्यकशिपु से भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए नृसिंह रूप में अवतार लिया था. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से शत्रुओं पर जीत का वरदान मिलता है और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है.
व्रत के दौरान रखे ये सावधानियां Narasimha Jayanti Fast Tips –
नरसिंह जयंती के व्रत के दौरान कुछ बातों को ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है
- व्रत के समय व्रती को मंत्रोच्चारण के समय शुद्धि का ध्यान रखना चाहिए.
- इस दिन दक्षिण की ओर मुँह करके लाल रंग के आसन पर बैठकर मूंगे की माला से एक हजार बार जप करने से लाभ मिलता है।
- माना जाता है की यदि आप परशानियों से घिरे हुए हैं तो भगवान विष्णु या श्री नृसिंह प्रतिमा की पूजा अर्चना करने और संकटमोचन नृसिंह मंत्र का स्मरण करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते है.
- मान्यताओं के अनुसार नरसिंह चतुर्दशी के व्रत में ब्रहमचर्य का पालन करना चाहिए।