मोक्षदा एकादशी 2020 तिथि व शुभ मुहूर्त Mokshada Ekadashi 2020 Date Time 

मोक्षदा एकादशी 2020 Mokshada Ekadashi 2020 Vrat Puja Vidhi 

मोक्षदा एकादशीमोक्षदा एकादशी- हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि मोक्षदा एकादशी के नाम से जानी जाती है। यह साल 2020 की आखिरी एकादशी होगी. मोक्षदा एकादशी का तात्पर्य मोह का नाश करने वाली है इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी कहते है। मान्यता है की इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है आज हम आपको साल 2020 मोक्षदा एकादशी व्रत की सही तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस व्रत के कुछ जरूरी नियमो के बारे में बताएँगे.

मोक्षदा एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2020 Mokshada Ekadashi Date Time 2020

  1. साल 2020 में मोक्षदा एकादशी 25 दिसंबर शुक्रवार के दिन है|
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 24, दिसम्बर रात्रि 11:17 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 26, दिसम्बर प्रातःकाल 01:54 मिनट पर|
  4. मोक्षदा एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा – 26 दिसंबर प्रातःकाल 08:30 मिनट से प्रातःकाल 09:16 मिनट तक |

मोक्षदा एकादशी पूजा विधि Mokshada Ekadashi Vrat puja Vidhi

मोक्षदा एकादशी के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर घर के पूजास्थल को स्वच्छ कर ले अब पूरे घर व पूजास्थल पर में गंगाजल का छिड़काव कर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें इसके बाद रोली अक्षत से उनका तिलक कर फूलों से श्रृंगार करें। इसके बाद भगवान को फल मेवे भोग लगाएं। अब प्रतिमा के सामने धुप दीप कर आरती करें। पूजा में भगवान विष्णु जी को तुलसी पत्र अवश्य अर्पित करें। इससे भगवन विष्णु प्रसन्न होते है और आपकी मनोकामना पूरी करते है.

मोक्षदा एकादशी व्रत रखने के नियम Mokshada Ekadashi Niyam 2020

  1. अन्य व्रत की अपेक्षा एकादशी का व्रत थोड़ा कठिन माना जाता है इस व्रत के नियमो के अनुसार दिनभर निर्जल उपवास रखना चाहिए.
  2. एकादशी के व्रत में तामसिक आहार जैसे प्याज़, लहसुन,बासी भोजन का सेवन बिलकुल न करे.
  3. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ साथ अपने इष्ट-देव की भी उपासना करें.

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  1. मोक्षदा एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.
  2. एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी सामर्थ्यानुसार ब्राह्मण तथा गरीबों को दान देकर पारणा जरूर करना चाहिए.
  3. यदि संभव हो तो इस दिन अन्न का सेवन ना करते हुए केवल फलाहार करने का ही विधान है।
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