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वैशाख अमावस्या 2024 कब है May Amavasya Date Time 2024

वैशाख अमावस्या शुभ मुहूर्त 2024 Vaisakh Amavasya Puja Vidhi 2024

May Amavasya Date Time 2024  प्रत्येक माह में अमावस्या तिथि पड़ती है शास्त्रों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार वैशाख अमावस्या के अवसर पर स्नान और दान करने का बड़ा महत्व तो है ही है. इस तिथि पर अपने पूर्वजों का स्मरण और पितरों की पूजा बहुत ही शुभ फल प्रदान करती है. आइये जानते है साल 2024 वैशाख मास की अमावस्या की सही तिथि, मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|

वैशाख अमावस्या शुभ मुहूर्त 2024 May Amavasya 2024 Date Time

  1. साल 2024 में वैशाख अमावस्या 8 मई बुधवार को है
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 7 मई प्रातःकाल 11:40 मिनट
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 8 मई प्रातःकाल 08:51 मिनट
  4. स्नान- दान का ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 04.10 मिनट से सुबह 04.52 मिनट
  5. लाभ-उन्नति मुहूर्त – प्रातःकाल 05:35 मिनट से प्रातःकाल 07:15 मिनट
  6. अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त – प्रातःकाल 07:15 मिनट से प्रातःकाल 08:56 मिनट
  7. पिंडदान या श्राद्ध का समय – दिन में 11:00 बजे से लेकर दोपहर 02:30 मिनट

वैशाख अमावस्या शुभ योग 2024 Vaisakh Amavasya 2024

पंचांग के अनुसार 8 मई को वैशाख अमावस्या के दिन 3 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहे हैं. सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर शाम 05:41 मिनट तक उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ होगा, जो पूरी रात रहेगा. वही सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण दोपहर में 01:33 मिनट पर होगा जो अगले दिन 9 मई को प्रात: 05:34 मिनट तक रहेगा.

वैशाख अमावस्या पूजा विधि Vaisakh Amavasya Vidhi

शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन प्रातःकाल दैनिक कार्यों से निवृत होकर किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुंड या फिर घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान करे और सूर्यदेव को ताम्बे के पात्र से अर्घ्य दे.  इसके बाद पितरों की आत्म शांति के लिए दान, तर्पण, श्राद्ध कर्म करे और पीपल के पेड़ में मीठा जल देकर शाम के समय वहां सरसों के तेल का दीपक जलाये. अमावस्या के दिन शनि चालीसा, शनि मंत्रो और हनुमान जी की पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है.

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वैशाख अमावस्या उपाय Vaisakh Amavasya Upay

  1. मान्यता है की वैशाख अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष को जल का अर्घ्य और दीपक अर्पित करने के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप और पितृ स्त्रोत का पाठ करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।
  2. शनि की साढ़ेसाती और ढय्या वाले जातको को अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर काला तिल, सरसों का तेल, काला या नीला वस्त्र अर्पित करना चाहिए और फिर शनि कवच या शनि चालीसा का पाठ कर शनि देव का आशीर्वाद लेना चाहिए.
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