मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2020 Margashirsha Purnima 2020 Date Time

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2020 Margashirsha Maas Purnima Puja Vidhi 2020

मार्गशीर्ष पूर्णिमा शास्त्रों में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का बड़ा महत्व माना जाता है। इस दिन चंद्र देव, भगवान शिव और साथ ही विष्णु जी की पूजा कर गंगा स्नान किया जाता है. पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना या सुनना बेहद लाभकारी होता है इससे व्यक्ति को जीवन में सुख सौभाग्य प्राप्त होकर मानसिक शांति मिलती है आज हम आपको मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन के कुछ विशेष नियमो के बारे में बताएँगे.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2020 Margashirsha Purnima 2020 Shubh Muhurat

  1. साल 2020 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 30 बुधवार दिसम्बर को है |
  2. पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 29 दिसम्बर प्रातःकाल 07:54 मिनट पर|
  3. पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 30 दिसम्बर प्रातःकाल 08:57 मिनट पर|

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि Margashirsha Purnima puja vidhi

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर भगवान् विष्णु जी की प्रतिमा एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करे चौकी के दोनों ओर केले के पत्ते सजाएं और फिर उनका आह्वान करें। इसके बाद श्री विष्णु जी को पीले फल फूल व धुप दीप अर्पित करें। अब भोग के रूप में पंचामृत, केले और हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा पढ़कर आरती कर ले. शाम को चंद्र के दर्शन और चन्द्रमा को अ‌र्घ्य देकर व्रत संपन्न करे.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा नियम Margashirsha Purnima Niyam

ज्योतिषानुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण आकृति में होता है। जिस तरह प्रत्येक व्रत के कुछ नियम है ठीक उसी तरह पूर्णिमा पर भी कुछ नियमो का पालन कर इस व्रत को किया जाय तो इसका लाभ अवस्य प्राप्त होता है.

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  1. इस दिन घर में किसी भी प्रकार की तामसिक चीजे या भोजन का सेवन ना करे यदि आप व्रत रखते है तो इस बात का विशेष ख्याल रखे.
  2. इस दिन वातावरण में चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज रहता है इसीलिए ऐसे में पूर्णिमा के दिन क्रोध बिलकुल ना करे.
  3. चन्द्रमा का पृथ्वी के जल से संबंध माना गया है। हमारे शरीर में लगभग 85 प्रतिशत जल रहता है। पूर्णिमा के दिन इस जल की गति और गुण बदल जाते हैं। अत: इस दिन जल की मात्रा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
  4. यदि आप इस दिन का विशेष लाभ प्राप्त करना चाहते है तो पूर्ण रूप से सात्विक भोजन ही ग्रहण करे.
  5. पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर रहती है इसीलिए इस दिन माँ लक्ष्मी जी की आराधना करना बिलकुल ना भूले.
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