मार्गशीर्ष अमावस्या कब है 2022 Margashirsha Amavasya 2022 Date

अमावस्या 2022 सुख समृद्धि उपाय Amavasya Upay 2022

Margashirsha Amavasya

Margashirsha Amavasya पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष यानी अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों की माने तो किसी भी माह की अमावस्या तिथि पितरों के तर्पण, अशुभ दोष निवारण और दान पुण्य के कार्यो के लिए उत्तम होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और पितृजन तृप्त होते हैं। इसके अलावा मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि पर देवी लक्ष्मी की भी पूजा विशेष फलदायी होती है। आज हम आपको साल 2022 मार्गशीर्ष अमावस्या की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, विधि और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में बताएँगे.

मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022 Margashirsha Amavasya 2022 Date

  1. साल 2022 में मार्गशीर्ष अमावस्या 23 नवम्बर बुधवार को है|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 23 नवंबर प्रातःकाल 06:53 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 24 नवंबर प्रातःकाल 04:26 मिनट पर|
  4. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त प्रात:काल से लेकर सुबह 08 बजे से 01 मिनट तक है। इस दौरान स्नान और दान करना ज्यादा शुभ होगा।

मार्गशीर्ष अमावस्या विधि Margashirsha Amavasya Pooja Vidhi

Margashirsha Amavasya मार्गशीर्ष मास की अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। ये दिन कालसर्प दोष और पितृदोष निवारण के लिए भी उत्तम माना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करना चाहिए और अपने पितरों के निमित्त तर्पण व दान करना चाहिए। संभव हो तो इस व्रत रखें और क्षमता अनुसार, जरूरतमंदों में अन्न, वस्त्र आदि का दान करें। संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे पितृ प्रसन्न होते है और आपकी हर इच्छा को पूरा करते है.

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मार्गशीर्ष अमावस्या उपाय Margashirsha Amavasya upay

  1. अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें और फिर सूर्य को अर्घ्य दें। उसके बाद जल में काला तिल मिलाकर उसे नदा में प्रवाहित कर दे इससे पितृ प्रसन्न होते है.
  2. अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ में जल देकर दीपक जलाना चाहिए.
  3. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन घर में सात्विक भोजन बनाये और इसमें से पहले भोजन कौवे, गाय और कुत्तों को अर्पित करे.
  4. अमावस्या के दिन ब्राह्राणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए.
  5. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गीता का पाठ करने कार्यसिद्धि होती है.
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