सावन मंगला गौरी व्रत तिथियां Mangala Gauri Vrat Vidhi
Mangala Gauri Vrat Date Time 2021 सावन माह के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है. सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का माह होता है सावन माह में जिस तरह सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है. ठीक वैसे सावन के प्रत्येक मंगलवार के दिन मां मंगला गौरी की उपासना की जाती है. यह व्रत विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह व्रत पति की लंबी आयु, सुखी वैवाहिक जीवन और योग्य वर की कामना के साथ किया जाता है। आज हम आपको साल 2021 सावन माह में पड़ने वाले मंगला गौरी व्रत की शुभ तिथियां, पूजन सामग्री, पूजा विधि, महत्व और इस व्रत के उद्यापन विधि के बारे में बताएँगे।
सावन 2021 के सभी मंगला गौरी व्रत तिथियां Mangala Gauri Vrat Dates
साल 2021 में सावन माह 25 जुलाई रविवार से शुरू होगा| इस साल सावन माह में कुल चार मंगलवार अर्थात मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं। पहला मंगला गौरी व्रत 27 जुलाई को, दूसरा व्रत 3 अगस्त, तीसरा 10 अगस्त को और अंतिम व चौथा मंगला गौरी व्रत 17 अगस्त को पड़ेगा।
मंगला गौरी व्रत पूजन समाग्री Mangala Gauri Vrat Date Puja samagri
मंगला गौरी व्रत की सभी पूजन समाग्री सोलह की संख्या में होनी चाहिए. जो भी लोग इस व्रत को करते है उन्हें व्रत की सामग्री के रूप में लाल फूलों की 16 मालाएं, 16 की गिनती में श्रृंगार का सामान, सुपारी, इलायची, फल-फूल, पान, सूखे मेवे, मिठाई व सात प्रकार के अनाज की जरूरत होती है|
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि Mangala Gauri Vrat Niyam
सावन माह के मंगलवार के दिन सबसे पहले नित्य कर्मो से निवृत्त होकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प ले और एक साफ़ चौकी पर लाल कपड़ा बिछा ले इस चौकीपर चावलों से नवग्रह बनाकर प्रथम पूज्य गणपति को स्थापित कर उनके समक्ष जल से भरा कलश स्थापित करे और सर्वप्रथम श्रीगणेश का पूजन करे. इसके बाद आटे से निर्मित दिया बनाकर षोडशोपचार से माता गौरी का पूजन करे. पूजा में माँ गौरी को 16 की संख्या में सुहाग का सभी सामान व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करे और इसके बाद मंगला गौरी व्रत कथा पढ़कर सभी में प्रसाद वितरण करे इस दिन एक समय भोजन किया जा सकता है।
मंगला गौरी महत्व Mangala Gauri Importance
Mangala Gauri Vrat Date Time 2021 मंगला गौरी व्रत में विधि पूर्वक मां गौरी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है इस व्रत के प्रभाव से दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है। मान्यता है की जो भी इस व्रत को करते है उनके घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस व्रत के प्रभाव से दांपत्य जीवन में चल रही समस्याएं दूर तो होती ही है साथ ही कुवारी कन्याये यदि इस व्रत को करे तो उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है. जिन जातको की जन्म कुंडली में मांगलिक दोष होता है इस व्रत के प्रभाव से वह दोष कम हो जाता है.
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मंगला गौरी व्रत उद्यापन विधि Mangala Gauri Vrat Udhyapan Vidhi
Mangala Gauri Vrat Date Time 2021 यदि आप 5 वर्षो तक इस व्रत को करते है तो आपको उद्यापन अवश्य करना चाहिए उद्यापन लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर लाल वस्त्र धारण करे इसके बाद ब्राह्मण और सोलह सुहागन स्त्रियों को भोजन के लिए आमंत्रित करें। अपने पति के साथ हवन और माँ गौरी का विधिवत पूजन करें और मां को श्रृंगार समान अर्पित करें। हवन के बाद माता मंगला गौरी की आरती करे और सभी में सभी में प्रसाद वितरण करें। अंत में ब्राह्मण और सभी सोलह स्त्रियों को भोजन कराएं दान दक्षिणा देकर विदा करे.
मंगला गौरी व्रत के नियम Mangala Gauri Niyam
Mangala Gauri Vrat Date Time 2021 मंगला गौरी व्रत करने के विशेष नियम है। इस व्रत को करने वाले व्रती को सूर्योदय से पहले ही जागना होता है। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने के बाद ही माता गौरी की पूजा करनी चाहिए और इस दिन मंगलागौरी व्रत कथा का पाठ या श्रवण जरूर करना चाहिए. पूजा में माँ को 16 की संख्या में ही श्रृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए.