महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi
Mahalaxmi Vrat 2022 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है. धन की देवी माँ लक्ष्मी को समर्पित यह पर्व 16 दिनों तक चलता है. शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं 16 दिन तक व्रत रखकर विधि-विधान से धन की देवी की आराधना करती हैं. मान्यता है की देवी लक्ष्मी जिस पर भी प्रसन्न हो जाती है उसके जीवन में सुख समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती. आज हम आपको साल 2022 में महालक्ष्मी व्रत कब से है, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम के बारे में बताएँगे.
महालक्ष्मी व्रत 2022 तिथि व मुहूर्त Mahalaxmi Vrat date Time
- साल 2022 में महालक्ष्मी व्रत 3 सितम्बर शनिवार से शुरू होंगे|
- महालक्ष्मी व्रत का समापन 17, सितम्बर शनिवार को होगा|
- अष्टमी तिथि प्रारम्भ होगी – 03, सितम्बर दोपहर 12:28 मिनट पर|
- अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 04, सितम्बर प्रातःकाल 10:39 मिनट पर|
महालक्ष्मी व्रत पूजन विधि Mahalakshmi Vrat Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी व्रत के दिन सुबह जल्दी नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करें और 16 दिनों के व्रत का सकल्प ले. इसके बाद अब एक चौकी पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें और वहां पर श्री यंत्र रखें। एक कलश में जल भरकर उस पर नारियल रख दें और इसे मां लक्ष्मी के मूर्ति के सामने रखें। इसके पश्चात मां लक्ष्मी को फल-फूल, सुहाग का सामान, नैवेद्य चढ़ाएं और दीपक जलाएं। पूजा में महालक्ष्मी स्त्रोत का जाप करें। महालक्ष्मी व्रत के प्रत्येक दिन सूर्यदेव को अर्घ्य दे और व्रत कथा का पाठ करे.
महालक्ष्मी व्रत के नियम Mahalakshmi Vrat Niyam
- मान्यता है की महालक्ष्मी व्रत के दौरान स्वछता का ख्याल रखना चाहिए.
- माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के यह व्रत 16 दिनों तक किये जाते है.
- पूजा से पहले सूत के धागे में 16 गांठे लगाकर व्रत से पहले इसे धारण करने की मान्यता है.
- महालक्ष्मी व्रत के दौरान लक्ष्मी पूजन के साथ गणेश जी का पूजन भी करना चाहिए.
- पूजा में माँ को सुहाग की सामग्री अर्पित करना शुभ होता है.
- इस व्रत में माँ को खीर का भोग लगाना चाहिए.
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- शाम की पूजा के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए.
- व्रत के दौरान तामसिक भोजन का सेवन नहीं करा चाहिए.
- इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है मान्यता है की व्रत के दौरान दूध, फल, मिठाई आदि का सेवन करना चाहिए.
- इस दिन सफेद मिष्ठान्न, खीर, किशमिश आदि से युक्त भोजन बनाकर किसी सौभाग्यशाली महिला को भोजन करना शुभ होता है.
- इस व्रत को मीठा ही किया जाता है इसीलिए भोजन में मीठी चीजों एक ही प्रयोग करना चाहिए.