महाशिवरात्रि नियम 2023 Maha Shivratri Do Not These 5 Works  

महाशिवरात्रि कब की है 2023 Mahashivratri Kab Hai

शिवपुराण के अनुसार प्रत्येक साल में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. शिव भक्ति के लिए यह दिन बहुत ख़ास माना जाता है मान्यता है की भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते है उतनी ही जल्दी रुष्ट भी हो जाते है इसीलिए शास्त्रों के अनुसार शिव पूजा में कुछ बातो का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी है. आज हम आपको साल 2023 में महाशिवरात्रि कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त और इस व्रत के कुछ जरूरी नियमो के बारे में बताएँगे.

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2023 Maha Shivratri Date Time 2023

  1. साल 2023 में महाशिवरात्रि का पर्व 18 फ़रवरी शनिवार के दिन मनाया जाएगा|
  2. चतुर्दशी तिथि शुरू होगी – 18 फ़रवरी रात्रि 08:02 मिनट पर|
  3. चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी – 19 फ़रवरी सायंकाल 04:18 मिनट पर|
  4. निशिथ काल पूजा का समय होगा – 19 फ़रवरी सुबह 12:09 मिनट से 01:00 बजे तक|
  5. महाशिवरात्रि व्रत का पारण होगा – 19 फ़रवरी सुबह 06:56 मिनट से सायंकाल 03:24 मिनट|
  6. आइये जानते है इस दिन किन बातो का ध्यान रखे|

हल्दी व कुमकुम Maha Shivratri Shiv Puja Niyam 

शास्त्रों के अनुसार शुभ कार्योमे हल्दी व कुमकुम का इस्तेमाल करना शुभ होता है कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक तो वही हल्दी सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में जानी जाती है जबकि भगवान शिव वैरागी है पौराणिक कथाओ के अनुसार भगवान शिव को उनकी पूजा के समय कुमकुम, रोली या हल्दी से तिलक नहीं किया जाता बल्कि भगवान शिव को चन्दन व भष्म से तिलक करना शुभ होता है.

टूटे चावल ना चढ़ाये Maha shivratri Shiv Puja Niyam 

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की पूजा में खंडित अक्षत यानि चावलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्योकि टूटे चावल खंडित और अपूर्ण माने जाते है पूजा में खंडित चीजों को निषेध बताया गया है महाशिवरात्रि के दिन इस बात का विशेष ख्याल रखे कि शिव की पूजा के दौरान उन्हें चढ़ाये जाने वाले चावल टूटे हुए ना हो.

तुलसी ना चढ़ाये Maha Shivratri Shiv Puja Niyam

कथाओ के अनुसार जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से ही तुलसी की उत्पत्ति मानी गयी है तुलसी को भगवान विष्णु जी की पत्नी का दर्जा प्राप्त होने के कारण ही शिव पूजा में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान् शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है.

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खंडित बिल्व पत्र Maha Shivratri Shiv Puja Niyam

भगवान शिव की पूजा में बिल्व पत्र का विशेष महत्व है कहते है की पूजा में उन्हें बेलपत्र अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न होते है महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखे की खंडित या कटे फटे बिल्वपत्र शिव पूजा में ना चढ़ाये.

नारियल का पानी Maha Shivratru Shiv Puja Niyam

शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जाता है लेकिन इससे अभिषेक नहीं करना चाहिए। देवताओं को चढ़ाया जाने वाले प्रसाद ग्रहण करना आवश्यक होता है लेकिन शिवलिंग का अभिषेक जिन पदार्थों से होता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जाता।

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