महाशिवरात्रि पूजा के नियम Maha Shivratri Puja Niyam
Maha Shivratri 2025 Mein Kab Hai पंचांग के अनुसार साल 2025 में महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जायेगा. इस दिन भगवान शिव की पूजा, शिवलिंग का जलाभिषेक और फलाहार व्रत किया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है. जो बेहद शुभ होगा. शास्त्रों में महाशिवरात्रि व्रत के कुछ नियम बताये गए है जिनका पालन करने पर मनोकामना पूरी होती है अगर आप भी इस बार महाशिवरात्रि व्रत करने जा रहे है तो आइये जानते है महाशिवरात्रि के दिन आपको किन बातो का ध्यान रखना चाहिए.
पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करे Maha Shivratri Niyam
धार्मिक मान्यता है की महाशिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तिया जागृत होती है इसीलिए इस दिन की गयी पूजा शुभ फल प्रदान करती है यदि आप भी महाशिवरात्रि की रात महादेव का आशीर्वाद पाना चाहते है तो पूजा शुभ मुहूर्त में ही करे.
भगवान शिव की परिक्रमा Maha Shivratri Niyam
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की पूजा के बाद परिक्रमा करनी चाहिए. परिक्रमा के समय ध्यान रखे की परिक्रमा हमेशा शिवलिंग के बाईं ओर से शुरू करें और जहां से भगवान को चढ़ाया जल बाहर निकलता है, वहां तक जाकर वापस लौट जाएं फिर विपरीत दिशा में जाकर परिक्रमा पूरी करें. ध्यान रखे की परिक्रमा दाईं तरफ से शुरू नहीं करनी चाहिए.
ना चढ़ाये ये चीजें Maha Shivratri Niyam
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि शिव जी की पूजा में कभी भी शंख, नारियल, तुलसी के पत्ते, केतकी, चंपा, केसर, मालती, चमेली, कुंद, जूही, केवड़ा, कनेर, कपास आदि के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए ये सभी चीजें शिव पूजा में वर्जित मानी गयी हैं.
जल स्थान को ना लांघे Maha Shivratri Niyam
ऐसी मान्यता है की जिस स्थान से शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल बाहर निकलता है उस स्थान को कभी भी लांघना नहीं चाहिए क्योकि उस स्थान को लांघना शास्त्रों में वर्जित बताया गया है. दरअसल, जलहरी को शक्ति और ऊर्जा का भंडार माना जाता है।
तामसिक चीजों का सेवन ना करे
यदि आप महाशिवरात्रि का व्रत कर रहे है तो आपको विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखना चाहिए की इस दिन तामसिक चीजों का सेवन न करे. महाशिवरात्रि व्रत में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दिन विशेषकर कुट्टू के आटे का भोजन, सेंधा नमक, मूंगफली, मखाना या फिर फलाहार करना शुभ होता है.