महाशिवरात्रि पूजा में क्या ना करे Maha Shivratri Niyam
Maha Shivratri महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. यह सभी महत्वपूर्ण त्योहारों में एक है इस दिन देवो के देव महादेव का पूजन किया जाता है हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल 2022 में महाशिवरात्रि व्रत 1 मार्च फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाएगा. शास्त्रों की माने तो कुछ ऐसी चीजें है जो शिवजी की पूजा में निषेध मानी गयी है अर्थात जिन्हें शिव पूजा के समय शिवजी को अर्पित नहीं करना चाहिए आज हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में बताएँगे तो चलिए जानते है वो कौन सी चीजें है जो भोलेनाथ की पूजा में उन्हें नहीं चढ़ाना चाहिए.
हल्दी Do Not Offer Turmeric to Lord Shiva
हल्दी न सिर्फ खानपान का स्वाद बढ़ाती है बल्कि धार्मिक कार्यों में भी हल्दी का प्रयोग बहुत शुभ माना गया है. ज्योतिष अनुसार ऐसी मान्यता है की शिवजी की पूजा में उन्हेव हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए. हल्दी का उपयोग खासतौर पर सौंदर्य प्रसाधनों के रूप में किया जाता है हल्दी का सम्बन्ध भगवान् विष्णु और सौभाग्य से भी माना जाता है जिस कारण कहा जाता है की महाशिवरात्रि पर महादेव को हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए.
कुमकुम या रोली Do Not Offer Kumkum to Lord Shiva
शास्त्रों के अनुसार शिव जी की पूजा में कुमकुम और रोली का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए, कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जबकि भोले भंडारी वैरागी कहे जाते है प्राचीन मतों के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को उनकी पूजा के समय कुमकुम या रोली से तिलक नहीं करना चाहिए बल्कि यदि उन्हें चन्दन व भष्म अर्पित किया जाय तो वे जल्दी प्रसन्न होते है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते है.
नारियल पानी Do Not Offer Coconut Water to Lord Shiva
मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ को नारियल तो चढ़ाया जाता है लेकिन नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. शास्त्रों में नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक करना वर्जित माना गया है। शास्त्रों में नारियल को माता लक्ष्मी का एक रूप माना गया है जिस कारण शिव पूजा के दौरान शिवजी को नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.
टूटे चावल का प्रयोग न करे Mahashivratri 2022 Puja Upay
शास्त्रों में टूटे या खंडित चावल पूजा में प्रयोग करना शुभ नहीं माना जाता. इसीलिए महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान उन्हें कभी भी टूटे हुए चावल या अक्षत नहीं चढाने चाहिए। पूजा में इस्तेमाल होने वाले चावल जितने साबुत होंगे उतने शुभ होते है.
तुलसी पत्र Do Not Offer Basil Leave to Lord Shiva
शास्त्रों के अनुसार शिव जी की पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते नहीं चढाने चाहिए. पौराणिक कथाओं की माने तो जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने अपनी पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए कभी भी तुलसी से शिव पूजन नहीं किया जाता.
उबला हुआ दूध Do Not Offer Boil Milk to Lord Shiva
Maha Shivratri महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल व दूध से अभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है वही शास्त्रों की माने तो शिवजी की पूजा करते समय कभी भी उबला या गर्म दूध नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही उबले दूध से अभिषेक करना चाहिए. मान्यता है की शिवलिंग का अभिषेक हमेशा ठंडे जल व दूध से करना चाहिए.
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अधूरे बिल्व पत्र Mahashivratri 2022 Puja Upay
Maha Shivratri भगवान शिव की पूजा में बिल्व पत्र का विशेष महत्व होता है उन्हें बेलपत्र अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते है मान्यता है की बेलपत्र की पत्तियों में माता पार्वती का वास होता है तो वही तीन पत्तो वाले बेलपत्र को भगवान शिव के तीनो नेत्रों से जोड़ा गया है इसीलिए महादेव को भूलकर भी खंडित या कटा फटा बिल्वपत्र नहीं चढ़ना चाहिए.
शंख का प्रयोग Mahashivratri 2022 Puja Upay
मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नमक एक असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक समझा जाता है जो भगवान विष्णु जी का बहुत बड़ा भक्त था इसलिए भगवान विष्णु जी की पूजा तो शंख से होती है लेकिन शिव की पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है.