महाशिवरात्रि भूलकर भी ना करे ये काम Maha Shivratri 2020 Puja Vidhi

महाशिवरात्रि शुभ संयोग 2020 Maha Shivratri Shubh Sanyog 2020

महाशिवरात्रिमहाशिवरात्रि का त्यौहार शिव भक्ति के लिए बहुत अधिक ख़ास माना जाता है शिवपुराण के अनुसार प्रत्येक साल महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन आती है. ज्योतिष अनुसार साल 2020 में महाशिवरात्रि पर 29 सालों बाद शनि मकर राशि में होंगे जिस कारण शश योग बनेगा साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा और करीब 117 सालों के बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग भी देखने को मिलेगा. मान्यता है की भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्ना होते है उतने ही जल्दी रुष्ट भी हो जाते है इसीलिए शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि की पूजा में कुछ बातो का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

सुबह देर तक ना सोये Mahashivratri 2020

महाशिवरात्रि के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए ये दिन महादेव को प्रसन्न करने के लिए बेहदखास माना जाता है इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर भगवान शिव की पूजा अर्चना हुए उनका जलाभिषेक करने से सभी मनोकामना पूरी होती है जो लोग इस दिन व्रत करते है उन्हें घर में भक्तिमय माहौल बनाकर रखना चाहिए और जो व्रत नहीं रखते उन्हें कोशिश करनी चाहिए की प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान शिव की आराधना कर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए इससे जीवन में शुभता बढ़ती है.

टूटे चावल का प्रयोग न करे Mahashivratri 2020 Puja Upay

शास्त्रों में ऐसा बताया गया है की टूटे हुए चावल पूजा में प्रयोग नहीं करने चाहिए क्योकि इन्हे खंडित और अपूर्ण माना जाता है और पूजा में खंडित चीजों को निषेध बताया गया है इसीलिए महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान उन्हें भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढाने चाहिए। पूजा में इस्तेमाल होने वाले चावल जितने साबुत होंगे उतने शुभ होते है.

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तुलसी Mahashivratri 2020 Puja Upay

जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से ही तुलसी की उत्पत्ति मानी गयी है जिसे भगवान विष्णु द्वारा पत्नी रूप में स्वीकार किया गया है। तुलसी को भगवान विष्णु जी की पत्नी का दर्जा प्राप्त होने के कारण तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती है। और तुलसी की जगह उन्हें बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं.

अधूरे बिल्व पत्र भगवान शिव को न चढ़ाये Mahashivratri 2020 Puja Upay

भगवान शिव की पूजा में बिल्व पत्र का विशेष महत्व होता है उनकी पूजा में उन्हें बेलपत्र अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते है मान्यता है की बेलपत्र की पत्तियों में माता पार्वती का वास होता है तो वही तीन पत्तो वाले बेलपत्र को भगवान शिव के तीनो नेत्रों से जोड़ा गया है इसीलिए महादेव को भूलकर भी खंडित बिल्वपत्र की बजाय त्रिदल अर्थात तीन पत्तो वाले बेलपत्र चढाने चाहिए.

शंख का प्रयोग Mahashivratri 2020 Puja Upay

मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नमक एक असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक समझा जाता है जो भगवान विष्णु जी का बहुत बड़ा भक्त था इसलिए भगवान विष्णु जी की पूजा तो शंख से होती है लेकिन शिव की पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है.

कुमकुम Mahashivratri 2020 Puja Upay

कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जबकि भोले भंडारी वैरागी कहे जाते है प्राचीन मतों के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को उनकी पूजा के समय कुमकुम या रोली से तिलक नहीं करना चाहिए बल्कि यदि उन्हें चन्दन व भष्म अर्पित किया जाय तो वे जल्दी प्रसन्न होते है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते है.

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