महाशिवरात्रि में न भूले ये चीज Maha Shivratri Pooja Vidhi In Hindi
पुराणों में महाशिवरात्रि का पर्व बेहद ख़ास और शिव भक्ति की दृस्टि से काफी उत्तम माना जाता है. इस दिन शिव-भक्त महादेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए उनकी आराधना और जलाभिषेक करते है शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन आता है. ज्योतिष अनुसार साल 2020 में महाशिवरात्रि का पर्व और भी अधिक खास होगा क्योकि इस वर्ष करीब 117 सालों के बाद इस दिन एक विशेष संयोग बनेगा जो इस पर्व के महत्व को और भी अधिक बढ़ा देगा. तो आइये जानते है महाशिवरात्रि पर्व की शुभ तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त और इस दिन बनने वाले खास योग में की जानें वाली पूजा विधि के बारे में|
महाशिवरात्रि 2020 क्यों है ख़ास Maha Shivratri 2020 Mahasanyog
महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्ति के लिए सबसे शुभ माना जाता है. ज्योतिष अनुसार साल 2020 में महाशिवरात्रि का पर्व और भी ज्यादा खास होने वाला है क्योकि करीब 117 सालों के बाद इस दिन शनि और शुक्र का दुर्लभ योग बनेगा माना जा रहा है की इस साल महाशिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में होंगे जो की एक बेहद दुर्लभ योग है शिवरात्रि पर इन 2 बड़े ग्रहो का इस स्तिथि में होना और इस योग में भगवान शिव की आराधना करने पर शनि, गुरू, शुक्र के दोषों से छुटकारा मिलने के साथ ही नए कार्यो की शुरुआत के लिए भी ये योग लाभकारी रहेगा.
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2020 Maha Shivratri Date Time 2020
- साल 2020 में महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा|
- चतुर्दशी तिथि शुरू होगी 21 फरवरी शुक्रवार शाम 05:20 मिनट पर|
- चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी 22 फरवरी शनिवार शाम 07:02 मिनट पर|
- निशिथ काल पूजा का समय होगा रात्रि 12:09 मिनट से 01:00 बजे तक|
- पूजा की कुल अवधि 51 मिनट की होगी|
- महाशिवरात्रि पारण का समय होगा – 22 फरवरी शनिवार सुबह 06:54 मिनट से शाम 03:25 मिनट तक|
महाशिवरात्रि व्रत पूजा विधि Maha Shivratri Puja Vidhi 2020
शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि की पूजा सुबह जल्दी शुरू करने का विधान है. सूर्योदय से पूर्व स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प ले इसके बाद शिव मंदिर जाकर विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन निशीथ काल में करे. हालाँकि रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन की जा सकती है. महाशिवरात्रि के दिन कच्चे दूध में गंगा जल मिला कर शिवलिंग का अभिषेक करे और बिल्व पत्र, धतूरा, चन्दन, पुष्प, धूप, दीप आदि श्रद्धा के साथ अर्पित करे. भगवन शिव की पूजा के समय शिवपंचाक्षर मंत्र यानी ऊं नम: शिवाय का जाप करना बहुत ही शुभ होता है. अंत में शिव आरती और परिक्रमा कर भगवान शिव का आशीर्वाद लेना चाहिए. भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र, शहद, दूध, दही, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होकर उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं।
महाशिवरात्रि व्रत के नियम Maha Shivratri Fast Rules 2020
महाशिवरात्रि का व्रत कब रखना चाहिए इसे लेकर शास्त्रों में कुछ नियम बताये गए है.
- शास्त्रों के अनुसार यदि चतुर्दशी तिथि पहले ही दिन निशीथव्यापिनी हो, तो उसी दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. रात्रि का आठवाँ मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है।
- महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही मंगलमय होता है। यह व्रत जीवन पर्यन्त किया जा सकता है लेकिन यदि ऐसा संभव ना हो तो चैदह वर्ष के बाद पूर्ण विधि विधान के साथ इसका उद्यापन कर देना चाहिए.
- रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव की पूजा की जाती है पूर्ण विधि से इस दिन की गयी पूजा व व्रत से जागरण, पूजा, उपवास तीनों पुण्य कर्मों का एक साथ पालन हो जाता है और भक्त को महादेव की विशेष अनुकम्पा प्राप्त होती है।
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2020
इन 5 चीजों से करें जलाभिषेक Maha shivratri Pujan Samagri
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवन शिव और आदि शक्ति के मिलान की रात को ही महाशिरात्रि कहा जाता है शिवरात्रि के दिन ब्रह्माण्ड आध्यात्मिक ऊर्जा को विकसित करता है। जी कारण इस विधि विधान से की गयी पूजा से मनोकामा पूरी होती है. शास्त्रों के अनुसार यदि महाशिवरात्रि के दिन इस शुभ योग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा के समय उन्हें बिल्वपत्र, शहद, दूध, दही, शक्कर, धतूरा और गंगाजल से अभिषेक कराया जाय तो महादेव की कृपा से सभी कष्टों का निवारण होने के साथ ही व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है.