माघ जया एकादशी शुभ मुहूर्त 2023 Magh Jaya Ekadashi 2023 Kab Hai

जया एकादशी पूजा विधि Maagh Jaya Ekadashi Puja Vidhi 2023

पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी व्रत पड़ते हैं. माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते है. इस दिन भगवान विष्णु जी का विधि-विधान से पूजन, करने से सभी प्रकार के दुख समाप्त हो जाते है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जया एकादशी मनोकामना पूरी करने वाली एकादशी मानी जाती है आज हम आपको साल 2023 माघ शुक्ल जया एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि हुए इस व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियमो के बारे में बताएँगे.

जया एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2023 Maagh Jaya Ekadashi Date Time 2023

  1. साल 2023 में जया एकादशी का व्रत 1 फरवरी बुधवार के दिन रखा जायेगा.
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 31 जनवरी सुबह 11:53 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 01, फरवरी दोपहर 02:01 मिनट पर|
  4. जया एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा – 2 फ़रवरी प्रातःकाल 07:09 मिनट से 09:19 मिनट तक|

जया एकादशी पूजा विधि Jaya Ekadashi Vrat puja Vidhi

धार्मिक मान्यता है की एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि सूर्यास्त के बाद से हो जाती है. दशमी के दिन व्रती को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. अगले दिन एकादशी की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प ले. सबसे पहले पूजास्थल पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराये. अब उन्हें तिलक कर पूजास्थल पर धूप दीप जलाये. इसके बाद पीले पुष्प, पीले फल, तुलसी पत्र डालकर पीले मिष्ठान का भोग अर्पित करें। अब भगवन विष्णु के मंत्रो का जाप करे, एकादशी व्रत कथा का पाठ और आरती करें। अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण कर ब्राह्मण को भोजन व दान दक्षिणा देकर विदा करे.

जया एकादशी व्रत रखने के नियम Maagh Jaya Ekadashi Niyam 2023

  1. एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को दशमी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए.
  2. एकादशी व्रत के नियमानुसार व्रती को इस दिन में चावल नहीं खाने चाहिए,
  3. धार्मिक मान्यतानुसार जया एकादशी के दिन चने और चने के आटे से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
  4. इस दिन अन्न का सेवन वर्जित माना गया है ऐसे में संभव हो तो इस व्रत को फलाहार करना शुभ होता है.
  5. द्वादशी तिथि को एकादशी व्रत का पारण जरूर करना चाहिए.
  6. इस दिन पूर्णरूप से ब्रह्मचर्य का पालन करे और किसी पर क्रोध ना करे.
  7. एकादशी के दिन व्रती को बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए.
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