माघ गुप्त नवरात्रि 2021 Maagh Gupt Navratri Date Time 2021

गुप्त नवरात्रि कब है 2021 Gupt Navratri 2021 Kab Hai

माघ गुप्त नवरात्रि 2021माघ गुप्त नवरात्रि 2021- शास्त्रों के अनुसार पूरे सालभर में चार बार नवरात्रि का पर्व आता है जिसमे से 2 सामान्य और 2 गुप्त नवरात्रि होती है. मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रो में देवी माँ की सार्वजनिक उपासना नहीं की जाती है बल्कि गुप्त रूप से की जाती है जिससे व्रती को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है माघ के महीने आने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है आज हम आपको साल 2021 माघ मास की गुप्त नवरात्र कब से कब तक है कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन के कुछ चमत्कारिक उपाय बताएँगे.

माघ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2021 Gupt Navratri Dates 2021

  1. साल 2021 में माघ मास की गुप्त नवरात्रि का पर्व 12 फ़रवरी शुक्रवार से शुरू 21 फ़रवरी तक चलेगा.
  2. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त होगा – 12 फ़रवरी शुक्रवार सुबह 08:34 मिनट से 09:59 मिनट तक|
  3. मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटा 25 मिनट की होगी|
  4. घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त होगा – 12 फ़रवरी दोपहर 12:13 मिनट से 12:58 मिनट तक|
  5. मुहूर्त की कुल अवधि 44 मिनट की होगी|
  6. प्रतिपदा तिथि आरभ होगी – 12 फ़रवरी सुबह 12:35 मिनट पर |
  7. प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 13 फ़रवरी सुबह 12:29 मिनट पर |

गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Gupt Navratri Pooja Vidhi

गुप्त नवरात्र के दौरान 10 महाविद्या व तंत्र साधना के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में की गयी पूजा को गोपनीय रखा जाता है नवरात्रि के पहले दिन स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प ले और नौ दिनों के लिए शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करे यदि आप कलश स्थापना करते है तो सुबह शाम देवी मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ जरूर करे. देवी मां को दोनों वेला के समय लौंग और बताशे का भोग लगाएं, गुप्त नवरात्रो के दौरान मां को लाल रंग के फूल चढ़ाना सर्वोत्तम मन जाता है नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक अपना खान पान और आहार सात्विक रखें. गुप्त नवरात्री में गुप्त रूप से की गयी देवी की आराधना जल्द ही फलीभूत होती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है।

गुप्त नवरात्री का महत्व Importance of Magh Gupt Navratri

शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्री में बेहद कड़े नियमो का पालन करते हुए व्रत और माँ काली की साधना की जाती है। यह नवरात्रि तांत्रिक सिद्धियों की पूजा के लिए सबसे उत्तम मानी गयी है। जिसमे पूरे नौ दिनों तक व्रत रखने के साथ ही साधक को नमक व अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है की गुप्त नवरात्री में यदि ज्यादा प्रचार प्रसार न करते हुए साधक द्वारा अपनी साधना को गुप्त रखा जाय तो साधक की मनोकामना और सफलता मिलने की सम्भावनाये उतनी ही ज्यादा बढ़ जाती है.

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गुप्त नवरात्रि महाउपाय Gupt Navrtari Upay

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की यदि व्यक्ति के जीवन में परेशानिया आ रही है या उसे किसी भी तरह की समस्या है तो गुप्त नवरात्रो में किया एक महाउपाय व्यक्ति की सभी परेशानियों का अंत कर देता है तो आइये जानते है ये महाउपाय क्या है.

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान सर्वप्रथम स्नान कर पूजास्थल पर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा ले अब इसपर 11 गोमती चक्र रखे. इसके बाद रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से देवी माँ के || ‘ऐं क्लीं श्रीं’|| मंत्र का 11 माला जाप करे. पूजा के बाद इन गोमती चक्रो को लाल रंग की पोटली में बांध कर तिजोरी में रख दे कहा जाता है की इस उपाय को करने व्यक्ति के जीवन से धनसंबंधी परेशानियों का जल्दी ही अंत हो जाता है.
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