ललिता जयंती पूजा विधि व मंत्र Lalita Jayanti 2020 Vrat Katha Puja Vidhi
आदिशक्ति त्रिपुरा सुंदरी माँ देवी ललिता सभी दस महाविद्याओं में से एक हैं. माना जाता है की माँ के इस स्वरुप की उपासना बहुत ही फलदायी होती है. पौराणिक कथाओ के अनुसार मान्यता है की यदि साल में एक बार इनकी सच्ची आराधना कर ली जाय तो व्यक्ति को हर सुख प्राप्त हो जाता है. साल 2020 में 9 फ़रवरी रविवार के दिन ललिता जयंती मनाई जायेगी. आज इस वीडियो में हम आपको ललिता जयंती पर की जाने वाली पूजा विधि और उस चमत्कारिक मंत्र के बारे में बताएँगे जो सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने में कारगर है.
ललिता जयंती शुभ मुहूर्त 2020 Lalita Jayanti Shubh Muhurat 2020
ललिता जयंती का पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है साल 2020 में यह पर्व 9 फ़रवरी रविवार के दिन मनाया जाएगा.
- पूजा का अभिजीत मुहूर्त होगा – दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से रात्रि 1 बजे तक |
- अमृत काल मुहूर्त होगा – शाम 6 बजकर 17 मिनट से शाम 7 बजकर 43 मिनट तक |
- नीशीथ काल शुभ मुहूर्त होगा – रात्रि 12 बजकर 12 मिनट से रात्रि 1 बजकर 1 मिनट तक |
श्री ललिता पूजा विधि और मंत्र Shree Lalita Jayanti Pooja Vidhi Mantra
शक्तिस्वरूपा देवी ललिता को समर्पित ललिता जयंती के दिन बहुत से लोग व्रत व उपवास कर माँ की आराधना करते है इस दिन प्रातःकाल माता की उपासना की जाती है पुराणों के अनुसार माँ की 2 भुजाये गौर वर्ण और माँ कमल पर विराजमान है प्रातःकाल स्नान के बाद माँ का श्रृंगार कर उनकी विधिवत पूजा करे और अंत में माता का ध्यान करते हुए इस प्रभावशाली मंत्र का जाप करे
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।’
ललिता जयंती कथा Lalita Jayanti Vrat Katha
आदिशक्ति देवी ललिता का वर्णन देवी पुराण में मिलता है. जिसके अनुसार पिता दक्ष द्वारा अपमान से दुखी होकर जब सती ने अपने प्राण त्याग दिये तब सती के वियोग में भगवान शिव उनके शरीर को अपने कंधों में उठाए चारों दिशाओं में घूमने लगे इस महाविपत्ति को भापकर भगवान विष्णु ने अपने चक्र से सती के 108 भाग कर दिए. इस प्रकार सती के शरीर अंश जहां गिरे वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई. उसी में एक शक्तिपीठ माँ ललिता भी है.
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2020
श्री ललिता जयंती महत्व Lalita jayanti Importance
श्री ललिता जयंती का पर्व पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस दिन अनेक जगहों भव्य मेलों का आयोजन किया जाता है, जिसमें हज़ारों श्रद्धालु बढ़चढ़कर भाग लेते है. ऐसी मान्यता है की देवी ललिता की आराधना करने से व्यक्ति को शक्ति मिलती है और इस दिन माँ की विशेष पूजा अर्चना से हर तरह के सुख वैभव की प्राप्ति होती है. माघ पूर्णिमा के दिन ललिता जयंती होने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है क्योकि शास्त्रों में माघ का महीना सभी पवित्र महीनो में से एक होता है.