Kartik Purnima Vrat 2018 Kab Hai कार्तिक पूर्णिमा व्रत तिथि शुभ मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कब है Kartik Purnima Vrat 2018 Shubh Muhurt

Kartik Purnima VratKartik Purnima Vrat- पूर्णिमा प्रत्येक महीने के आखिरी दिन होती है और शास्त्रों में इसका धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक बताया गया है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है. इस दिन मांगलिक कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है कहते है की यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पड़े तो यह ‘महाकार्तिकी’ कहलाती है। वहीं भरणी और रोहिणी नक्षत्र होने पर इसका महत्व और बढ़ जाता है।आज हम आपको साल 2018 में कार्तिक पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.

कार्तिक पूर्णिमा व्रत तिथि व शुभ मुहूर्त 2018 Kartik Purnima Fasting Date Time

  1. साल 2018 में कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व 23 नवंबर यानि की शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा.
  2. पूर्णिमा तिथि 22 नवंबर 2018 12:55 मिनट पर आरम्भ होगी.
  3. पूर्णिमा तिथि 23 नवंबर 2018 11:11 मिनट पर समाप्त होगी.

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कार्तिक पूर्णिमा का महत्व Kartik Purnima Importance

शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व माना जाता है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान की पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है. मान्यता है की इस दिन गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियों में गंगा स्नान करने से व्यक्तियों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। कहते है की इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान करने से दस यज्ञों के समान ही फल प्राप्त होते है. इस दिन किये गए दान-पुण्य के भी विशेष फल मिलते हैं। पूरे साल आने वाली पूर्णिमाओं में से ये पूर्णिमा बेहद ख़ास मानी गयी है.

कार्तिक पूर्णिमा व्रत के दिन किये जाने वाले धार्मिक कार्य Kartik Purnima Dharmik Karya

  1. कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दीपदान, हवन, यज्ञ का विशेष महत्व है।
  2. पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल उठकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें यदि संभव हो तो इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करना चाहिए।
  3. चंद्रोदय के समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसुईया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन करना लाभकारी माना गया है.
  4. माना जाता है की इस दिन दान करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि का वरदान मिलता है.
  5. कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
  6. इस दिन व्रत रखकर किसी जरुरतमंद को भोजन और हवन अवश्य कराना चाहिए। साथ ही
  7. कार्तिक स्नान के समापन के बाद दीपदान करना बहुत ही शुभ माना गया है.
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