सोमवती अमावस्या उपाय Somwati Amavasya Upay
Jyesth Amavasya 2025 Kab Hai पंचांग के अनुसार साल 2025 में ज्येष्ठ मास की अमावस्या बेहद खास होने जा रही है क्योकि यह साल की पहली सोमवती अमावस्या होगी. जिसे बेहद शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष के पूजन और स्नान-दान का विशेष महत्व है इसके साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं साल 2025 में साल की पहली सोमवती अमावस्या कब है, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सोमवती अमावस्या के कौन से कार्य करना शुभ होता है|
ज्येष्ठ अमावस्या शुभ मुहूर्त 2025 Jyesth Amavasya 2025 Date
- साल 2025 की पहली सोमवती अमावस्या 26 मई सोमवार को है|
- इसी दिन ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी किया जायेगा|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 26 मई दोपहर 12:11 मिनट
- अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 27 मई प्रातःकाल 08:31 मिनट
- अभिजीत मुहूर्त – प्रातःकाल 11:49 मिनट से दोपहर 12:40 मिनट|
- गोधूलि मुहूर्त – सायंकाल 06:31 मिनट से सायंकाल 06:54 मिनट|
सोमवती अमावस्या पूजा विधि Amavasya Puja Vidhi
मान्यता है की सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद साफ़ वस्त्र धारण कर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, बेल पत्र, और फल अर्पित करें. शिव मंत्र “ऊं नमः शिवाय” मन्त्र का जाप करें. इसके बाद पीपल के पेड़ की पूजा कर जल अर्पित करें. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और पीपल की 108 बार परिक्रमा करें. आज के दिन पितरो के तर्पण का भी बहुत अधिक महत्व है.
सोमवती अमावस्या उपाय Somwati Amavasya Upay
- धार्मिक मान्यता अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से भक्तों को विशेष फल मिलता है। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद से करना चाहिए.
- सोमवती अमावस्या के दिन भोजन, कपड़े और सफ़ेद चीजों का दान करना शुभ होता है.
- इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करें ऐसी मान्यता है की सोमवती अमावस्या के दिन पीपलके वृक्ष में भगवान शिव और माता पार्वती वास करते है.
- इस दिन पीपल के पेड़ की 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा करने से दीर्घायु, सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है।