हरियाली तीज पूजन सामग्री Hariyali Teej Puja Vidhi
Hariyali Teej Puja Muhurat 2024 शास्त्रों में हरियाली तीज का धार्मिक महत्व है। तीज पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की खुशी में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है साल 2024 में हरियाली तीज 7 अगस्त बुधवार को है. आइये जानते है साल 2024 हरियाली तीज 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन पूजा की थाली में राखी जाने वाली खास चीजे क्या है|
हरियाली तीज 2024 तिथि व शुभ योग Hariyali Teej Muhurat 2024
- ज्योतिष अनुसार साल 2024 में हरियाली तीज पर 3 शुभ योग बनेंगे.
- हरियाली तीज के दिन रवि योग रात्रि 8:30 मिनट से लेकर अगले दिन 8 अगस्त सुबह 5:47 मिनट तक है.
- परिघ योग प्रात:काल से लेकर सुबह 11:42 मिनट तक है
- और उसके बाद शिव योग लगेगा.
हरियाली तीज पूजा का शुभ मुहूर्त Hariyali Teej Shubh Muhurat 2024
- साल 2024 में हरियाली तीज का पर्व 7 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा|
- तृतीया तिथि शुरू होगी – 6 अगस्त सायंकाल 07:52 मिनट पर|
- तृतीया तिथि समाप्त होगी – 7 अगस्त रात्रि 10:05 पर|
- पूजा के शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 5:46 मिनट से प्रातःकाल 09:06 मिनट|
- प्रातःकाल 10:46 मिनट से दोपहर 12:27 मिनट
- दोपहर 03:47 मिनट से लेकर सायंकाल 7:07 मिनट|
हरियाली तीज पूजा सामग्री Hariyali Teej Puja Samagri
शास्त्रों के अनुसार हरियाली तीज की पूजा में कुछ विशेष सामग्री होनी चाहिए जैसे- मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा, एक साफ़ चौकी, पीला वस्त्र, केले के पत्ते, कच्चा सूत, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, जल से भरा कलश, पांच सुपारी, साबूत चावल, दूर्वा, गाय का दूध, देशी घी, श्रीफल, चंदन और पंचामृत आदि| इन सभी सामग्री के अलावा पूजा की थाली में मां पार्वती के लिए सुहाग की सामग्री जैसे महावर, कुमकुम, मेहंदी, इत्र, चुनरी, सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां आदि श्रृंगार सामग्री रखना शुभ होता है|
हरियाली तीज पूजा विधि Hariyali Teej Puja Vidhi
हरियाली तीज के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद घर व मंदिर को स्वच्छ कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद सोलह श्रृंगार कर काली मिट्टी से शिव पार्वती तथा गणेश जी की प्रतिमा बनाएं. अब प्रतिमाओं को एक चौकी पर स्थापित कर उनका श्रृंगार करे. माता पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित करें| इसके बाद हरियाली तीज व्रत की कथा सुने या पढ़ें| अंत में माँ गौरी और भगवन शिव की आरती कर सौभाग्य की कामना करते हुए पूजा सम्पन्न करे.