गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Gupt Navratri Puja Vidhi
Gupt Navratri 2025 Mein Kab Hai माघ माह का धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्व माना गया है. इस महीने में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। माघ मास में दुर्गा पूजा के साथ-साथ स्नान-दान का भी विशेष महत्व है. गुप्त नवरात्रो में माँ दुर्गा के 10 महाविद्या की पूजा गुप्त तरीके से की जाती है. गुप्त साधना के लिए यह नवरात्रि बेहद उत्तम मानी गई है. आइये जानते है साल 2025 में माघ मास की गुप्त नवरात्री कब से शुरू है, घट स्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और नियम क्या है |
माघ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2025 Gupt Navratri Dates 2025
- साल 2025 में माघ गुप्त नवरात्रि का पर्व 30 जनवरी से 7 फ़रवरी तक चलेगा|
- घटस्थापना का शुभ मुहूर्त – 30 जनवरी प्रातः काल 09:25 मिनट से 10:46 मिनट |
- घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त – 30 जनवरी दोपहर 12:13 मिनट से दोपहर 12:56 मिनट |
- प्रतिपदा तिथि आरभ – 29 जनवरी सायंकाल 06:05 मिनट |
- प्रतिपदा तिथि समाप्त – 30 जनवरी सायंकाल 04:10 मिनट |
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Gupt Navratri Pooja Vidhi
गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी की पूजा और अलग-अलग नामों का जप करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं नवरात्रो के पहले दिन प्रातःस्नान केबाद घट स्थापना करे. पूजाघर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर धूप-दीप जलाये और मां दुर्गा को लाल फूलों की माला, कुमकुम का तिलक और श्रृंगार सामग्री व भोग अर्पित करें. नवरात्रि के दौरान साधक को विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए. मान्यता है की इस दौरान विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
गुप्त नवरात्रि का महत्व Gupt Navratri Mahatva
माघ माह की गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा और तंत्र साधनाओं का महत्व होता है यह विशेष नवरात्रि उन साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखते हैं। गुप्त नवरात्रो में गुप्त रूप से की गयी पूजा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है.
गुप्त नवरात्रि नियम Gupt Navratri Niyam
- मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान नाखून या बाल नहीं काटने चाहिए.
- इस दौरान काले रंग के कपड़े और चमड़े की चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- नवरात्रो में तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
- गुप्त नवरात्रि पर देवी दुर्गा की साधना में ब्रह्मचर्य का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.
- गुप्त नवरात्रि की साधना हमेशा गुप्त रूप से करनी चाहिए.