ज्येष्ठ संकष्टी चतुर्थी शुभ योग 2023 Ekdant Sankashti Chaturthi 2023

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi 

Ekdant Sankashti Chaturthi 2023Ekdant Sankashti Chaturthi 2023 शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश जी की पूजा के लिए संकष्टी चतुर्थी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन जो भी भक्त भगवान गणेश जी की पूजा विधि-विधान से करता है, कहा जाता है की गणपति उनके सभी दुख-दर्द और संकट हर लेते है. साल 2023 में ज्येष्ठ मास की एकदन्त संकष्टी का व्रत 8 मई सोमवार को रखा जायेगा. आज हम आपको ज्येष्ठ माह एकदन्त संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि, चंद्रोदय समय और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

एकदन्त संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2023 Sankashti Chaturthi 2023

  1. साल 2023 में एकदन्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत 8 मई सोमवार के दिन रखा जाएगा|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 08, मई सायंकाल 06:18 मिनट |
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त – 9, मई सायंकाल 04:08 मिनट पर|
  4. संकष्टी के दिन चद्रोदय का समय होगा – 8, मई रात्रि 10:04 मिनट पर|
  5. पूजा का अभिजित मुहूर्त होगा – 11:51 मिनट से दोपहर 12:45 मिनट तक|

एकदंत संकष्टी चतुर्थी शुभ योग 2023 Ekdant Sankashti Chaturthi Shubh Yog

साल 2023 में ज्येष्ठ मास की एकदन्त संकष्टी चतुर्थी इस साल सोमवार के दिन पड़ने के कारण बहुत ही शुभ फलदायी होगी क्योकि सोमवार का दिन गणेश जी के पिता भगवन शिव को समर्पित है. इसके साथ ही पंचांग के अनुसार इस दिन शिव योग दोपहर 12 बजकर 9 मिनट तक होगा जो पूजा पाठ की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है.

एकदन्त संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi

इस दिन सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और पूजास्थल को साफ़ कर एक चौकी पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे. प्रतिमा के सामने धूप-दीप जलाकर उन्हें सिंदूर, अक्षत्, रोली, फूलों की माला, वस्त्र आदि अर्पित करें। पूजा में गणेश जी को दूर्वा चढ़ाये और फिर भोग में लड्डू या मोदक अर्पित करे. पूजन सामग्री अर्पित करते समय ओम गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें अब व्रत कथा पढ़कर आरती करे. संकष्टी के दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को जल का अर्घ्य देकर व्रत का पारण करे.

संकष्टी चतुर्थी क्या करे क्या न करे Sankashti Chaturthi Mahaupay

  1. मान्यता है की गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की खंडित मूर्ति की स्थापना या पूजा नहीं करनी चाहिए.
  2. इस दिन गणेश जी को तुलसी दल या केतकी के फूल ना चढ़ाये साथ ही तामसिक चीजों का सेवन न करे.
  3. गणपति जी को प्रसन्न करने के लिए चतुर्थी व्रत में मन ही मन में गणेश जी के मंत्र का जप करते रहना चाहिए.
  4. गणेश चतुर्थी के दिन घर के ईशान कोण में गणेश जी की स्थापना करे.
  5. गणपति जी की पूजा में लाल रंग के पुष्प, फल, और लाल चंदन का प्रयोग करना न भूले.
  6. मनचाहा वरदान पाने के लिए चतुर्थी पर दूर्वा जरूर चढ़ाएं.
error: