Diwali 2022 Date Time Shubh Muhurt दिवाली 2022 में कब है

दीपावली तिथि व शुभ मुहूर्त 2022 लक्ष्मी पूजन विधि 2022 Diwali Lakshmi Ganesh Puja Vidhi

दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है इस दिन धन के देवता कुबेर और लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. दिवाली का पर्व पूरे 5 दिनों का होता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज पर इसका समापन होता है। दिवाली के दिन प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन बहुत ही शुभ होता है आज हम आपको साल 2022 में दिवाली कब है दिवाली लक्ष्मी गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त, महत्व और इसकी संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

दिवाली तिथि व शुभ मुहूर्त 2022 Diwali Festival 2022 Date Time

  1. साल 2022 में दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा|
  2. लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त होगा – 24 अक्टूबर शाम 06:53 मिनट से शाम 08:16 मिनट तक |
  3. प्रदोष काल समय होगा – शाम 05:43 मिनट से शाम 08:16 मिनट तक |
  4. वृषभ काल समय होगा – शाम 06:53 मिनट से  08:48 मिनट तक |
  5. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 24 अक्टूबर सायंकाल 05:27 मिनट पर |
  6. अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 25 अक्टूबर सायंकाल 04:18 मिनट पर |

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि Diwali Goddess Lakshmi Puja Vidhi

दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजा का खास महत्व होता है अमावस्या तिथि के दिन संध्याकाळ में दीवाली पूजन किया जाता है. अमावस्या तिथि के दिन संध्याकाल के शुभ मुहूर्त में पूजास्थल पर एक चौकी में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश जी की प्रतिमाये स्थापित करे और वहां पर जल से भरा कलश रखे. लक्ष्मी गणेश जी के सामने घी के दीपक जलाये और हाथ में जल व पुष्प लेकर सभी देवी देवताओं का आहवाहन कर लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करे. पूजा में लक्ष्मी गणेश जी को सभी पूजन सामग्री जैसे- खील, बताशे, पंच मेवा, गुड़, फल फूल, मिठाई, , कमल का फूल व कौड़िया अर्पित करे. अब माँ लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप कर श्री सूक्त का पाठ करें। लक्ष्मी गणेश पूजन के बाद घर की तिजोरी व बहीखाते की पूजा करें। पूजा के बाद घर के हर द्वार व कोनों में दिए जलाये. इस दिन लक्ष्मी गणेश पूजा के साथ धन के देवता कुबेर पूजन करना अति शुभ होता है.

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दिवाली का महत्व Diwali Importance

दीपावली दीपों का त्योहार है। आध्यात्मिक दृस्टि से यह अन्धकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। दिवाली में किसी भी नए कार्य की शुरआत और किसी वस्तु की खरीददारी बेहद शुभ मानी जाती है। ज्योतिष अनुसार दीपावली के आसपास सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में होते हैं। कहते है की सूर्य और चंद्रमा की यह स्थिति शुभ फल देती है.

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