छठ पूजा 2020 पूजा विधि Chhath Pujan Vidhi
Chhath Puja – छठ पर्व या छठ पूजा महापर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जानते है। छठ पूजा का पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। उत्तर भारत में यह पर्व खासा लोकप्रिय है. छठ पूजा में सूर्य देव और उनकी बहिन छठी मैया की पूजा व उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। आज हम इस विडिओ में आपको साल 2020 में मनाये जाने वाले छठ पर्व की तिथि शुभ मुहूर्त और इसके पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
छठ पूजा तिथि व शुभ मुहूर्त 2020 Chhath Puja Tithi Shubh Muhurt
- साल 2020 में छठ पूजा का पर्व 20 नवंबर शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा.
- छठ पूजा सूर्योदय का समय होगा प्रातःकाल 06:48 मिनट|
- छठ पूजा सूर्यास्त का समय होगा शाम 05:26 मिनट|
- षष्ठी तिथि प्रारम्भ होगी 19 नवंबर रात्रि 09:59 मिनट पर|
- षष्ठी तिथि समाप्त होगी 20 नवंबर रात्रि 09:29 मिनट पर|
पहला दिन नहाय खाय First day of Chhath Puja
छठ पर्व की पूजा चार दिनों तक चलती है इसीलिए इसे चार दिवसीय उत्सव भी कहा जाता है इस पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को इसका समापन किया जाता है. नहाय खाय छठ पूजा का पहला दिन होता है इस दिन स्नान के बाद घर की साफ-सफाई की जाती है और सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है.
दूसरा दिन खरना Second Day of Chhath Puja
खरना छठ पूजा का दूसरा महत्वपूर्ण दिन होता है. इस दिन निर्जल उपवास रखा जाता है. यानि की इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति जल ग्रहण नहीं करता है। इस दिन संध्याकाल के समय गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फल प्रसाद के तौर पर ग्रहण किये जाते है.
तीसरा दिन संध्या अर्घ्य Third Day of Chhath Puja
छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के लिए बाँस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल से बने लड्डू आदि चीजों से सूप सजाया जाता है और व्रत करने वाला व्यक्ति अपने परिवार के साथ सांध्यकाल के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देता है. सूर्य देव को जल और दूध का अर्घ्य देने के बाद सजाये गए सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है। सूर्य उपासना के बाद छठी मैय्या के गीत गाकर व्रत कथा सुनी जाती है।
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चौथा दिन उषा काल अर्घ्य Fourth Day of Chhath Puja
छठ पर्व के अंतिम दिन सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. छठ पर्व के चौथे दिन प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए किसी नदी के घाट पर पहुंचकर उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता हैं और छठ मैय्या से अपने परिवार की सुख समृद्धि कि कामना की जाती है.
छठ पूजा का महत्व Importance of Chhath Puja
वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दोनों ही दृष्टिकोण से छठ पर्व का बड़ा अधिक महत्व है। सूर्य के प्रकाश में कई रोगों को नष्ट करने की अद्भुद क्षमता होती है। जिस कारण इसके प्रभाव से व्यक्ति को आरोग्य और तेज की प्राप्ति होती है। छठ पर्व पर सूर्य देव और छठी मैय्या का पूजन करने से न सिर्फ उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है बल्कि संतान सुख और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।