नवरात्रि सातवां दिन तिथि मुहूर्त विधि Chaitra Navratri Seventh Day Puja Vidhi

चैत्र नवरात्रि सातवां दिन माँ कालरात्रि Navratri Maa Kaalratri Puja Vidhi Mantra Bhog

Chaitra Navratri Seventh Day Puja VidhiChaitra Navratri Seventh Day Puja Vidhi नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विशेष मानी जाती है। मां दुर्गा का सातवां रूप कालरात्रि कहलाता है. नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा होती है नवरात्रो में सप्तमी तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी गयी है कहते है की इस दिन मां कालरात्रि की पूजा से जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति और भय से मुक्ति मिलती है माँ को शुभंकरी के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष में देवी कालरात्रि को शनि ग्रह को नियंत्रित और शनि दोष दूर करने वाली देवी माना गया है आज हम आपको साल 2022 चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि स्वरूप, पूजा विधि, भोग, मंत्र और इस दिन किये जाने वाले इच्छापूर्ति उपाय के बारे में बतायेगे.

चैत्र नवरात्रि सातवां दिन कालरात्रि पूजा मुहूर्त Chaitra navratri Date Time Muhurat

  1. साल 2022 में चैत्र नवरात्रि का सातवां और सप्तमी तिथि का व्रत 8 अप्रैल शुक्रवार के दिन रखा जायेगा
  2. इसी दिन माँ कालरात्रि की पूजा आराधना की जाएगी
  3. सप्तमी तिथि प्रारम्भ होगी – 7 अप्रैल रात्रि 08:33 मिनट पर |
  4. सप्तमी तिथि समाप्त होगी – 8 अप्रैल रात्रि 11:05 मिनट पर |

मां कालरात्रि का रूप Maa Kaalratri Swaroop

मां कालरात्रि को देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों में से एक सातवीं शक्ति के रूप में जाना जाता है. मां कालरात्रि का रंग अन्धकार की तरह काला होने के कारण ही इन्हे कालरात्रि कहा गया है। इनकी तीन आंखे है. माँ गर्दभ पर सवार रहती है और इनके केश खुले हैं। माँ की चार भुजाये, ये दोनों बाएं हाथों में कटार और लोहे का कांटा धारण किये हुए है हैं। वहीं माँ के दोनों दाएं हाथ अभय मुद्रा और वरमुद्रा में हैं। माँ कालरात्रि गले में विद्युत के माला है.

मां कालरात्रि पसंदीदा रंग व भोग Maa Kaalratri Bhog

नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. सातवें दिन देवी कालरात्रि को भोग के रूप में गुड़ बहुत पसंद है महासप्तमी के दिन माँ को पूजा के समय गुड़ का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि आज के दिन मां को गुड़ का भोग चढ़ाने और साथ ही ब्राह्मणों को गुड़ का दान करने से वह जल्दी प्रसन्न होती हैं मां कालरात्रि का पसंदीदा रंग लाल है.

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माता माँ कालरात्रि पूजन विधि Maa Kaalratri Puja Vidhi

नवरात्रि के सातवें दिन प्रातःकाल उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले. इसके बाद पूजास्थल की साफ़ सफाई कर माँ का स्मरण करे. देवी कालरात्रि को अक्षत्, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ का नैवेद्य अर्पित करे. इसके बाद मां को उनका प्रिय पुष्प रातरानी अर्पित करें इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्र ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: का जाप करे और व्रत कथा पढ़े या सुने. अंत में मां कालरात्रि की आरती करें. आज के दिन पूजा के बाद दान करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.

माँ को प्रसन्न करने के उपाय Maa Kaalratri Puja Vidhi Upay

नवरात्रि के सातवें दिन देवी के सातवें रूप की साधना करने वाले साधक मध्यरात्रि में देवी की पूजा करते हैं. मान्यता है की इस दिन मां की आंखें खुलती हैं. सातवें दिन देवी की पूजा के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा करे. सातवें दिन प्रातः स्नान के बाद माँ के समक्ष दीपक जलाये और उन्हें गुड़ का भोग लगाए इसके बाद ” ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ” नवार्ण मंत्र का 108 बार जप करते हुए एक-एक लौंग माँ को चढाते जाय अंत में इन लौंग को इकठा करके प्रज्वलित कर दे इस उपाय से सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती है ये उपाय इतना प्रभावशाली है कि सभी शत्रुओं पर विजय प्राप्त दिलाता है.

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