नवरात्रि पहला दिन शुभ मुहूर्त पूजा विधि Chaitra Navratri 2022 First Day Puja Vidhi

नवरात्रि पहला दिन शुभ मुहूर्त Navratri Kalsh Sthapana Puja Vidhi

 Chaitra Navratri 2022 First Day Puja Vidhi Chaitra Navratri 2022 First Day Puja Vidhi चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल चैत्र महीने की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में देवी दुर्गा के नौ भिन्न-भिन्न स्वरूपों की पूजा कर अष्टमी नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना और माँ दुर्गा के पहले स्वरुप देवी शैलपुत्री का पूजन करने की परंपरा है इस साल नवरात्रि के पहले दिन अमृत योग बन रहा है जो कलश स्थापना के लिए बहुत ही शुभ होगा. आज हम आपको साल 2022 चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, माता शैलपुत्री स्वरुप, पूजन विधि पूजा सामग्री और इस दिन किये जाने वाले एक विशेष उपाय के बारे में बताएँगे.

चैत्र नवरात्री शुभ मुहूर्त 2022 Chaitra Navratri 2022 Muhurat

  1. साल 2022 में चैत्र नवरात्रि का पर्व 2 अप्रैल शनिवार से शुरू हो रहा है|
  2. प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – 1, अप्रैल प्रातःकाल 11:53 मिनट पर|
  3. प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 2, अप्रैल प्रातःकाल 11:58 मिनट पर|
  4. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त होगा – 2 अप्रैल प्रातःकाल 06:01 मिनट से लेकर 08:29 मिनट तक|
  5. घटस्थापना अभिजित मुहूर्त होगा – 2 अप्रैल दोपहर 12:01 मिनट से 12:50 मिनट तक|

माता शैलपुत्री स्वरुप Mata Shailputri Swaroop

नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है माता शैलपुत्री हिमालय राज की पुत्री है माँ अपने इस रूप में नंदी पर सवार है मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री को सौभाग्य और शांति की देवी माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इनके पूजन से मूलाधार चक्र जाग्रत होता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त नवरात्रि के पहले दिन सच्ची श्रद्धा से मां शैलपुत्री की पूजा करता है उसे सुख समृद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है.

पहला दिन कलश स्थापना विधि Chaitra Navratri 2022 Kalash Sthapana

नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि में प्रातःकाल स्नान के बाद नौ दिनों की पूजा व व्रत का संकल्प ले और कलश स्थापना करे. कलश स्थापना के लिए सर्वप्रथम मिट्टी के बर्तन में सप्त धान्य बौ ले अब उसमे जल से भरा कलश रखे. कलश में सिक्का, दूब, सुपारी, लौंग हल्दी की गांठ और चावल डालकर रोली से उसपर स्वस्तिक बना ले कलश के ऊपरी भाग में कलावा बाँधकर कलश के ऊपर अशोक या आम के पत्ते लगाए इसके बाद एक नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर स्थापित कर दें. इस तरह घटस्थापना पूर्ण होने के बाद समस्त देवी देवताओ और देवी माँ का आह्वान कर विधिवत माता शैलपुत्री की पूजा करे.

मां शैलपुत्री की पूजा विधि Mata Shailputri Puja Vidhi

Chaitra Navratri 2022 First Day Puja Vidhi  नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा के समय पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री का ध्यान करते हुए उन्हें अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें पहले दिन माँ को भोग के रूप में घी अर्पित करे. मान्याता है कि माँ शैलपुत्री को आज के दिन घी अर्पित करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है इसके बाद माता शैलपुत्री के मंत्र ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ का जाप करे और स्तोत्र पाठ व देवी कवच का पाठ करे. शाम के समय मां शैलपुत्री की पुनः पूजा आरती कर सभी में प्रसाद बांटें और व्रत खोलें।

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माता शैलपुत्री पूजा उपाय Mata Shailputri Puja Upay

नवरात्री के पहले दिन देवी शैलपुत्री का विधिवत पूजन करने के जातक के जीवन में स्थिरता आती है मां शैलपुत्री की पूजा के समय माँ को एक पान के पत्ते पर लौंग, सुपारी और मिश्री रखकर अर्पित करने से जीवन की परेशानियां दूर होती है. पहले दिन माँ की पूजा के बाद पूजास्थल व घर में कपूर जलाकर रखे इससे घर से सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होने लगती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है जिससे कार्यो में सफलता की प्राप्ति होती है.

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