छठ पूजा 2025 पूजा विधि Chhath Pujan Vidhi
Chaiti Chhath Puja 2025 Date Timeछठ पूजा का धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है छठ सूर्योपासना का महापर्व होता है. साल में दो बार छठ मनाई जाती है एक चैत्र मास में और दूसरा कार्तिक मास में| चैत्र महीने में आने वाली छठ चैती छठ, सूर्य षष्ठी और यमुना छठ के नाम से प्रचलित है। छठ पूजा के दिन सूर्य देव और उनकी बहिन छठी मैया की पूजा के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है। आइये जानते है साल 2025 चैती छठ पर्व की शुभ तिथि, पूजा मुहूर्त, विधि और इस व्रत के नियम क्या है|
चैती छठ शुभ मुहूर्त 2025 Chhath Puja Tithi Shubh Muhurat
- साल 2025 में चैती छठ पर्व 1 अप्रैल से 4 अप्रैल तक चलेगा.
- षष्ठी तिथि प्रारम्भ – 02 अप्रैल रात्रि 11:49 मिनट.
- षष्ठी तिथि समाप्त – 03 अप्रैल रात्रि 09:41 मिनट.
- नहाय-खाय तिथि – 1 अप्रैल
- खरना या लोहंडा – 2 अप्रैल
- डूबते सूर्य का अर्घ्य – 3 अप्रैल
- उगते सूर्य का अर्घ्य और पारण – 4 अप्रैल
पहला दिन नहाय खाय First day of Chhath Puja
छठ पर्व की शुरुवात चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है इस दिन नहाय खाय से छठ पर्व शुरू होता है नहाय खाय के दिन स्नान के बाद घर की साफ-सफाई कर सात्विक भोजन बनाया और उसे ग्रहण किया जाता है.
दूसरा दिन खरना Second Day of Chhath Puja
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना जिसे लोहंडा कहते है. यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इस दिन निर्जल व्रत किया जाता है. इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति अन्न-जल ग्रहण नहीं करता। इस दिन संध्याकाल के समय छठी मईया का प्रसाद बनाया जाता है.
तीसरा दिन संध्या अर्घ्य Third Day of Chhath Puja
छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के लिए बाँस की टोकरी या सूप में फल, ठेकुआ, चावल से बने लड्डू आदि चीजों को रखकर व्रत करने वाला व्यक्ति परिवार के साथ संध्या के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देता है.
चौथा दिन उषा काल अर्घ्य Fourth Day of Chhath Puja
छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन उषा काल अर्घ्य दिया जाता है. चैत्र मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए किसी नदी के घाट पर पहुंचकर अर्घ्य दिया जाता हैं इसी दिन व्रत का पारण भी किया जाता है.
छठ पूजा नियम Chhath Puja Niyam
- शास्त्रों के अनुसार छठ पूजा के दौरान साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए स्टील या प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल वर्जित होता है.
- छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय को घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई कर सात्विक भोजन बनाना चाहिए.
- छठ पर्व के दौरान घर में प्याज, लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- पूजा के लिए बांस से से बने टोकरी और सूप का इस्तेमाल करना चाहिए.
- छठ के दौरान महिलाओ को नारंगी रंग का सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है.