भाद्रपद पूर्णिमा कब है 2022 Bhadrapad Purnima 2022 Date Time

भाद्रपद पितृ पूर्णिमा 2022 Bhado Pitru Purnima 2022

Bhadrapad Purnima 2022 Date TimeBhadrapad Purnima 2022 Date Time पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा तिथि को भाद्रपद पूर्णिमा, भादो पूर्णिमा और पितृ पूर्णिमा भी कहा जाता हैं। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाते हैं, इसलिए इसे श्राद्ध पूर्णिमा भी कहते है. इस दिन स्नान, दान, पूजा-पाठ के अलावा पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म भी किए जाते हैं. आज हम आपको साल 2022 भाद्रपद पूर्णिमा व्रत की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पितृ पक्ष के नियम और इस विशेष तिथि पर किये जाने वाले उपायों के बारे में बताएँगे.

भाद्रपद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2022 Bhadrapad Purnima 2022 Shubh Muhurat

  1. साल 2022 में भाद्रपद पूर्णिमा 10 सितम्बर को है.
  2. पूर्णिमा तिथि शुरू होगी – 9 सितम्बर शाम 06:07 मिनट पर|
  3. पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 10 सितम्बर 03:28 मिनट पर|
  4. पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सुबह 11:59 मिनट से दोपहर 12:49 मिनट तक|
  5. चंद्रोदय का समय होगा – शाम 06:49 मिनट पर|

भाद्रपद पूर्णिमा पूजा विधि Bhadrapada Purnima puja vidhi

धार्मिक मान्यता अनुसार भाद्रपद शुक्लपक्ष की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें और इसके बाद भगवन सत्यनारायण जी की प्रतिमा पूजास्थल पर स्थापित कर विधिवत उनकी पूजा कर उन्हें नैवेद्य व फल-फूल अर्पित करें पूजा में भगवान सत्यनारायण जी को पीले फलो का भोग लगाए और पूजन के बाद भगवान सत्यनारायण की कथा सुने आज के दिन पंचामृत और चूरमे का प्रसाद वितरित कर व्रत संपन्न करने के बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दान जरूर करे इससे पुण्य फलो की प्राप्ति होती है. इस दिन गाय, कुत्तों और कौवों को भोजन कराने से पितृ प्रसन्न होते है. भाद्रपद पूर्णिमा पर उमा-महेश्वर व्रत भी किया जाता है.

भाद्रपद पूर्णिमा उपाय Bhadrapad Purnima upay

  1. पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद पितरो के नाम से दान पुण्य करना शुभ होता है.
  2. इस चन्द्रमा अपने पूर्ण अकार में होता है ऐसे में चन्द्रमा को दूध मिले जल का अर्ध्य दे. इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  3. पूर्णिमा श्राद्ध के दिन पितरों के निमित खीर बनाकर जरूरतमंदो को भोग लगाए.
  4. इस दिन उमा माहेश्वर व्रत भी रखा जाता है ऐसे में आज के दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बेलपत्र, और शमीपत्र चढ़ाये और माता पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित करे.
  5. पितृ पक्ष की पूर्णिमा से श्राध्द पक्ष का प्रारम्भ होता है इसीलिए स्नान कर दान और तर्पण जैसे कार्य करने चाहिए.
  6. इस दिन कौवे, कुत्ते या गाय को भोजन कराने से जीवन में सुख समृद्धि आती है.
  7. पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पण करना चाहिए.

पितृ पूर्णिमा नियम Pitra paksh urnima niyam

  1. भादो पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष आरम्भ होते है इसलिए पूर्णिमा के दिन से ही किसी भी प्रकार की तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  2. पितृ पक्ष 16 दिनों के होते है इसीलिए इस दौरान घर में शांति का वातावरण बनाये रखना चाहिए.
  3. पितृपक्ष के दौरान और पूर्णिमा के दिन दाढ़ी-मूंछ, बाल या नाखून नहीं कटवाने चाहिए.
  4. पितृपक्ष में स्वर्ण आभूषण, नया घर या नए वस्त्रों की खरीदारी नहीं करनी चाहिए.
  5. इस दौरान द्वार पर आए अतिथि या किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए.
  6. किसी जीव का अनादर या उसे सताना नहीं चाहिए.
  7. ब्राम्हणों को भोजन व दान दक्षिणा देनी चाहिए.
error: