भाद्रपद अमावस्या कब है 2023 Bhadrapad Amavasya 2023 Date

भाद्रपद पिठोरी अमावस्या उपाय Pithori Amavasya Upay 2023

Bhadrapad Amavasya 2023 DateBhadrapad Amavasya 2023 Date शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद मास में आने वाली अमावस्या बहुत ही खास मानी जाती है. भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भादो, कुशाग्रहणी और पिठोरी अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन कुशा नामक घास इकठ्ठा की जाती है. मान्यता है की कुशा के बिना मंगलकार्य, धार्मिक कार्य और कोई भी शुभ कार्य पूर्ण नहीं होते। इस दिन नदियों में स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है. आइये जानते है साल 2023 में भाद्रपद अमावस्या तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का समय, पूजा विधि, नियम और इस दिन कौन से कार्य करना शुभ होता है.

भाद्रपद अमावस्या शुभ मुहूर्त 2023 Bhadrapad Amavasya 2023 Date

  1. साल 2023 में भाद्रपद या पिठोरी अमावस्या 14, सितम्बर गुरुवार को होगी|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 14, सितम्बर प्रातःकाल 04:48 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 15, सितम्बर प्रातःकाल 07:09 मिनट पर|
  4. पूजा का शुभ मूहूर्त होगा – प्रातःकाल 11:52 मिनट से दोपहर 12:41 मिनट|
  5. स्नान दान का समय होगा – प्रातःकाल 04:43 मिनट से प्रातःकाल 05:19 मिनट|

अमावस्या पूजा विधि Amavasya Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार इस दिन आटे से निर्मित मां दुर्गा सहित 64 देवियों की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है, अमावस्या के दिन प्रातः स्नान के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य दे और पितरों के निमित तर्पण व दान करे. शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक जलाकर शनि देव को नमन करे.

भाद्रपद अमावस्या नियम Bhadrapad Amavasya Niyam

  1. शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि पितरो की तिथि मानी जाती है इस दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  2. अमावस्या के दिन प्रातःकाल देर तक नहीं सोना चाहिए|
  3. इस दिन घर में कलह जैसे कार्य नहीं करने चाहिए।
  4. मान्यता है कि अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियां बहुत ज्यादा सक्रिय रहती हैं| इस दिन देर रात घर से बाहर नहीं रहना चाहिए|
  5. अमावस्या के दिन कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए|

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भाद्रपद अमावस्या उपाय Bhadrapad Amavasya Upay

  1. शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद अमावस्या के दिन स्नान के बाद पितरों के लिए अपनी सामर्थ्य अनुसार कपड़े और अन्न का दान करना चाहिए| इससे पितर प्रसन्न होते हैं|
  2. भाद्रपद अमावस्या पर पितृ दोष से निजात पाने के लिए पवित्र नदियों में कुशा नामक घास मिश्रित जल में तर्पण करना चाहिए इससे पितृ प्रसन्न होते है और पितृ दोष दूर होता है.
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