आश्विन अमावस्या 2024 उपाय Amavasya Upay 2024
Ashwin Amavasya Date Time 2024 पंचांग के अनुसार आश्विन माह श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष में आने वाली अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या, पितृ विसर्जन अमावस्या, बड़मावस या मोक्ष अमावस्या भी कहते है यह अमावस्या बेहद खास मानी गयी है. यह श्राद्ध पक्ष की आखिरी तिथि होती है। सर्वपित्र अमावस्या के साथ पितृ पक्ष का समापन और पितरों को विदाई दी जाती है. शास्त्रों के अनुसार आश्विन माह अमावस्या पर सभी पितरो का श्राद्ध व तर्पण किया जाता है आइये जानते है साल 2024 सर्वपितृ अमावस्या की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, अमावस्या श्राद्ध का समय, विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|
आश्विन सर्वपितृ अमावस्या शुभ मुहूर्त 2024 Ashwin Amavasya 2024 Date
- साल 2024 में सर्वपितृ अमावस्या और अमावस्या तिथि का श्राद्ध 2 अक्टूबर बुधवार को है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 1 अक्टूबर रात्रि 09:39 मिनट पर|
- अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 3 अक्टूबर प्रातःकाल 12:18 मिनट पर|
- कुतुप मूहूर्त होगा – प्रातःकाल 11:43 मिनट से दोपहर 12:31 मिनट तक|
- रौहिण मूहूर्त होगा – दोपहर 12:31 मिनट से दोपहर 01:19 मिनट|
- अपराह्न काल होगा – दोपहर 01:19 मिनट से सायंकाल 03:43 मिनट तक|
सर्वपितृ अमावस्या 2024 श्राद्ध का समय Ashwin Amavasya 2024
सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान, दान आदि का कार्य 11:00 बजे से लेकर दोपहर 03:30 बजे के बीच किया जायेगा|
सर्वपितृ अमावस्या विधि Ashwin Amavasya Pooja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या पितरों को विदाई और पितृ पक्ष समापन का दिन होता है. इस दिन मोक्ष प्रदान करने वाले भगवान विष्णु जी की पूजा से पितरो को मोक्ष की प्रति होती है.अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें. पितरों के निमित सात्विक भोजन बनाकर उनके निमित धूप-ध्यान कर उन्हें भोग लगाए तर्पण करे. बनाये हुए खाने में से पहले गाय, कुत्ता, और कौवे के लिए खाना अलग से निकाल ले. इसके बाद ब्राह्मणों को घर में बैठाकर भोजन कराये. इसके बाद दान करे. शाम को सरसों के तेल का दीपक घर की दक्षिण दिशा और पीपल वृक्ष के नीचे जलाकर पिरातो को नमन कर उनका आशीर्वाद लेकर उन्हें विदाई देनी चाहिए.
सर्वपितृ अमावस्या उपाय- Ashwin Amavasya upay
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरो की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण करना चाहिए.
- सर्वपित्र अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पितरों के नाम से सूर्य देव को जल अर्पित करना और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलना चाहिए.
- इस दिन घर में सात्विक भोजन बनाकर पहले भोजन कौवे, गाय और कुत्तों को अर्पित करे.
- पितरो की विदाई के इस खास दिन पर ब्राह्मण भोग लगाकर दान करना शुभ होता है.