आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 कब से कब तक है Ashadha Gupt Navratri 2022 Date

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब है 2022 Gupt Navratri 2022 Kab Hai

Gupt Navratri 2022Gupt Navratri 2022 पंचांग के अनुसार सालभर में चार बार नवरात्रि का पर्व आता है. जिसमे से 2 सामान्य और 2 गुप्त नवरात्रि होती है. आषाढ़ मास में आने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि होती है माँ दुर्गा शक्ति का प्रतीक है माँ के भक्तो के लिए देवी दुर्गा की नौ दिवसीय साधना का महापर्व बहुत खास होता है इस दौरान भक्त माँ की गुप्त रूप से सिद्धियों और दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करते है. इस साल आषाढ़ी गुप्त नवरात्रि पर कई शुभ योगो का निर्माण होने के कारण यह गुप्त नवरात्रि बहुत खास होंगी आज हम आपको आषाढ़ी गुप्त नवरात्रि कब से कब तक है शुभ योग, कलश स्थापना मुहूर्त, विधि और माँ को प्रसन्न करने के लिए किये जाने वाले एक खास महाउपाय के बारे में बात करेंगे |

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2022 Gupt Navratri Dates 2022

  1. साल 2022 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 30 जून गुरुवार से होंगी जिसका समापन 08 जुलाई शुक्रवार को होगा.
  2. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त होगा – 30 जून सुबह 06:02 मिनट से 07:15 मिनट तक|
  3. घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त होगा – 30 जून प्रातः 11:56 मिनट से दोपहर 12:46 मिनट तक|
  4. प्रतिपदा तिथि आरभ होगी – 29 जून सुबह 08:21 मिनट पर |
  5. प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 30 जून प्रातः 10:49 मिनट पर |

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुभ योग Ashadha Gupt Navratri Shubh Yog

इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पहले दिन यानी 30 जून को विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन एक साथ गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, अडाल और विडाल योग बन रहे हैं. ज्योतिष अनुसार एक साथ इतने शुभ योगो का बनना बेहद शुभ माना जाता है मान्यता है की यदि इन शुभ योगो में आप कोई भी कार्य शुरू करते हैं तो उसमें सफलता मिलने की सम्भावनाये कई गुना अधिक बढ़ जाती है.

गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Gupt Navratri Pooja Vidhi

Gupt Navratri 2022  शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविधाओं की पूजा की जाती है इस दौरान की गयी माँ की साधना को गुप्त रखा जाता है नवरात्री के पहले दिन कलश या घट स्थापना की जाती है इस दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर सभी पूजन सामग्री एकत्रित करें और मां दुर्गा की प्रतिमा का शृंगार कर उन्हें लाल रंग के वस्त्र पहनाये. अब कलश स्थापना के लिए पूजा स्थल पर मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बो ले अब शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करे.  इसके लिए एक कलश में जल भरें कलश पर कलावा लपेट दे. कलश के मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और एक नारियल को लाल चुनरी से लपेटकर कलश के उपपर रखें। अब फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार से पूजा करें। नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंत्रो का जाप कर सुख-समृद्धि की कामना करें। अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोग लगाएं। आखिरी दिन कलश या घट विसर्जन करें.

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि महाउपाय Gupt Navrtari Upay

  1. गुप्त नवरात्रि में नवग्रह की शांति के लिए मां दुर्गा की विशेष रूप से पूजा की जाती है. मान्यता है की पूजा के साथ-साथ यदि इन दिनों माँ को प्रसन्न करने के उपाय किये जाय तो जीवन की परेशानिया गुप्त साधना दूर हो जाती है.
  2. संभव हो तो गुप्त नवरात्रो में की गयी साधना को गुप्त ही रखे. इससे मनोकामना जल्द पूरी होती है.
  3. गुप्त नवरात्रि के दौरान धन-सम्पदा में वृद्धि के लिए मां दुर्गा को 9 दिनों तक कमल का फूल और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें.
  4. गुप्त नवरात्रि में स्नान के बाद पूजास्थल पर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा ले अब इसपर 11 गोमती चक्र रखे. इसके बाद रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से देवी माँ के प्रभावशाली मंत्र || ‘ऐं क्लीं श्रीं’|| मंत्र का 11 माला जाप करे और पूजा के बाद इन गोमती चक्रो को लाल रंग के कपडे में बांध कर तिजोरी में रख दे| इस महाप्रयोग के प्रभाव से धनसंबंधी परेशानियों का जल्दी ही अंत हो जाता है और जीवन में खुशहाली आती है.
  5. इस दौरान देवी मां को दोनों वेला में लौंग, सिंदूर, केसर, कपूर और बताशे का भोग लगाएं.

गुप्त नवरात्रि नियम Gupt Navratri Niyam

  1. शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि पर की गयी पूजा पाठ व साधना का प्रचार प्रसार ना करते हुए अपनी साधना और पूजा को गोपनीय रखना चाहिए.
  2. अगर आपने नवरात्रि में कलश स्थापना की है तो सुबह शाम देवी माँ के मंत्र जाप,चालीसा व सप्तशती का पाठ करे.
  3. मां की आराधना में लाल फूल चढ़ाये जबकि ध्यान रखे की मां को आक, मदार, दूब और तुलसी न चढ़ाएं.
  4. गुप्त नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक सात्विक आहार ही ग्रहण करे.
  5. गुप्त नवरात्रि के दौरान मध्यरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अधिक लाभकारी होती है.
  6. नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  7. दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए।
  8. नवरात्रि के दौरान पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए.
  9. गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी मूछ और नाखून नहीं काटने चाहिए।
  10. इन दिनों घर पर आये किसी भी व्यक्ति या जरूरतमंद को खाली नहीं लौटना चाहिए
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