योगिनी एकादशी पूजा विधि Yogini Ekadashi Puja Vdhi
Ashadh Yogini Ekadashi 2025 शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी योगिनी एकादशी कही जाती है इस दिन व्रत रखने का बड़ा पुण्य माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से हजारों वर्ष की तपस्या से अधिक फल मिलता है इस दिन भगवन विष्णु की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती है है आइये जानते है साल 2025 में आषाढ़ मास की योगिनी एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस व्रत के कुछ जरूरी नियम क्या है|
योगिनी एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2025 Ashadh Yogini Ekadashi Date Time 2025
- साल 2025 में योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जायेगा|
- एकादशी तिथि प्रारम्भ – 21 जून सुबह 07:18 मिनट|
- एकादशी तिथि समाप्त – 22 जून सुबह 04:27 मिनट|
- अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:55 मिनट से दोपहर 12:51 मिनट|
- पारण का समय – 22 जून दोपहर 01:47 मिनट से सायंकाल 04:35 मिनट |
योगिनी एकादशी पूजा विधि Yogini Ekadashi Vrat puja Vidhi
एकादशी के दिन प्रातःकालhttps://youtu.be/g63vZwmRCiQ?si=btA73ozymbr8uiLa स्नान कर व्रत का संकल्प करे और सूर्य देव को अर्घ्य दे. सबसे पहले विष्णु प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं और फिर चंदन से उनका तिलक करते हुए विष्णु मंत्रो का जाप करे. पूजा में विष्णु जी को धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी के पत्ते, पीले फल फूल व तिल अर्पित करे. अंत में योगिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ कर आरती करे और द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए.
योगिनी एकादशी व्रत रखने के नियम Ashadh Yogini Ekadashi Niyam 2025
- धार्मिक मान्यता अनुसार योगिनी एकादशी के दिन पूजा में स्वछता का ख़याल रखना चाहिए.
- एकादशी व्रत में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और तामसिक चीजों का त्याग करना चाहिए.
- पारण के दिन सामर्थ्यानुसार ब्राह्मण तथा जरूरतमंद को दान करना चाहिए.
- एकादशी के दिन चावलों का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इस दिन तुलसी में जल और तुलसी के पत्ते तोडना वर्जित होता है.
- एकादशी के दिन बाल, नाखून या दाढ़ी-मूछ नहीं बनवाने चाहिए.
- एकादशी व्रत में मसूर की दाल और शहद का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही इस दिन गोभी, पालक, शलजम आदि का सेवन भी वर्जित माना गया है.