प्रदोष व्रत पूजा विधि 2025 Pradosh Vrat Puja Vidhi
Ashadh shukla Pradosh 2025 Date पंचांग की माने तो हर महीने दो त्रयोदशी तिथियां पड़ती है जिसमे प्रदोष व्रत किया जाता है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन प्रदोष काल यानि शाम के समय शिव पूजा का विधान है. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार के शुभ योग में आ रही है ऐसे में यह मंगल प्रदोष होगा. जिसे भौम प्रदोष भी कहते है. आइये जानते है साल 2025 आषाढ़ शुक्ल प्रदोष व्रत कब है, पूजा का शुभ समय, पूजा विधि और इस दिन क्या करे क्या न करे|
आषाढ़ शुक्ल प्रदोष तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat July 2025 Date
- साल 2025 में आषाढ़ शुक्ल प्रदोष व्रत 8 जुलाई मंगलवारको रखा जाएगा|
- त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – 07 जुलाई रात्रि 11:10 मिनट पर|
- त्रयोदशी तिथि समाप्त – 09 जुलाई प्रातःकाल 12:38 मिनट पर|
- प्रदोष काल पूजा मुहूर्त – सायंकाल 07:23 मिनट से रात्रि 09:24 मिनट तक|
मंगल या भौम प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
भौम प्रदोष के दिन प्रातः स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देकर सम्पूर्ण शिव परिवार की विधिवत पूजा करें। हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक कर सभी पूजन सामग्री और भोग अर्पित कर भौम प्रदोष व्रत कथा का पाठ व आरती करें। भौम प्रदोष के दिन हनुमान जी की भी पूजा करे.
भौम प्रदोष क्या करे क्या न करे Bhaum Pradosh Upay
- भौम प्रदोष के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित कर चन्दन का तिलक करना शुभ होता है.
- प्रदोष काल में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.
- भौम प्रदोष के दिन हनुमान जी की प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ होता है.
- पूजा में भगवान शिव को टूटे हुए चावल न चढ़ाएं.
- शिव पूजा में तुलसी का प्रयोग भी वर्जित होता है.
- प्रदोष के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.